जस्टिस डॉ. पुष्पेन्द्रसिंह भाटी ने पवनकुमार सोनी व अन्य की ओर से सीआरपीसी की धारा 482 के तहत दायर विविध अपराधिक याचिका का निस्तारण करते हुए सभी 8 याचिकाकर्ताओं को सीबीआइ के समक्ष अपना पक्ष रखने और सीबीआइ को इन 15 दिन के दौरान उनको गिरफ्तार नहीं करने के निर्देश दिए।
यदि सीबीबआइ इनकी कस्टोडियन अनुसंधान आवश्यक समझे या उनके खिलाफ चार्जशीट दायर की जाती है तो याचिकाकर्ताओं को 15 दिन का नोटिस जारी किया जाए। इस दौरान याचिका कर्ता पुन: कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखने को स्वतंत्र रहेंगे।
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता विपुल सिंघवी ने कहा कि इस मामले में सीबीआइ ने शाखा प्रबंधक गौतम सोनी व ऋण लेने वालों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर अनुसंधान किया। जबकि लाभार्थियों ने नियमानुसार लोन लिया है और उनके खातों उनकी जानकारी के बिना से रकम निकाली गई है। वे सीबीआइ को प्रतिवेदन देकर तथ्य बताना चाहते हैं, अत: उनके खिलाफ सीबीआइ की ओर से जोधपुर में दायर एफआइआर निरस्त की जाए।
सीबीआइ की ओर से लोक अभियोजक ने कहा कि यदि याचिकाकर्ता प्रतिवेदन रखना चाहते हैं तो 10 दिन में सभी दस्तावेज सहित उपस्थित हों, उनके साथ विधि अनुसार व्यवहार किया जाएगा।