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बच्चों को नैतिक संस्कार मिलें तो रुकेंगे एेसे अपराध

locationजोधपुरPublished: Jan 15, 2020 09:36:31 pm

Submitted by:

M I Zahir

जोधपुर ( jodhpur news. current news ) .आजकल देश में अपराध ( crime. crime news ) बहुत बढ़ रहे हैं। लड़कियों व महिलाओं से छेड़छाड़ और बलात्कार आम बात हो गई है। आज के हालात के मद्देनजर पत्रिका ने वीमन सेफ्टी ( women safety ) एंड सिक्योरिटी ( women security ) पर समाजसेविका ( social worker ) अनिता मेहता ( Anita Mehta ) से बात ( women talk ) की:
 
 
 
 

Such crimes will stop when children get moral values

Such crimes will stop when children get moral values

जोधपुर ( jodhpur news. current news ) .बचपन में संस्कारों से भटकने के कारण बड़े हो कर युवा अपराधों ( crime. crime news ) की ओर ओर अग्रसर हो रहे हैं। यही वजह है कि आज हमारे देश में छेड़छाड़, बलात्कार और यौन शोषण जैसे अपराध हो रहे हैं। आज के हालात के मद्देनजर वीमन सेफ्टी ( women safety ) एंड सिक्योरिटी ( women security ) पर एजुकेशनिस्ट और सोशल वर्कर ( social worker ) अनिता मेहता ( Anita Mehta ) ने पत्रिका से एक मुलाकात ( women talk ) में यह बात कही।
नैतिक संस्कार मिलना जरूरी

उन्होंने कहा कि इसलिए बचपन से ही नैतिक संस्कार मिलना जरूरी है। एेसा होने पर ही बच्चे युवा हो कर अपराधों की ओर उन्मुख नहीं होंगे। महिला उत्पीडऩ की खबरें सभी के मन -मस्तिष्क को झककोर देती हैं। क्यों कि आज युवा बाल्यावस्था में ही संस्कारों से भटक रहा है। हमारा कानून प्रभावी अवश्य है, परंतु जब तक उसमें जनता की सहभागिता नहीं होगी, तब तक किसी भी कार्य में गति नहीं आ सकती।
युवाओं की मानसिकता में बदलाव

मेहता ने कहा कि जब तक सकारात्मक पक्ष या कहें, व्यावहारिक रूप से युवाओं की मानसिकता में बदलाव नहीं होगा , तब तक उनकी सोचने का दायरा भी वैसा ही संकीर्ण और बर्बरतापूर्ण रहेगा। इसीलिए हमारे महापुरुषों के आदर्श और ऐतिहासिक महापुरुषों के बलिदानों केसंस्मरणों को पाठ्य पुस्तकों में पूरा महत्व देना चाहिए। इस तरह बचपन से ही ऐसे संस्कारों के लिए पूरी तरह से युवाओं के मन में बचपन से ही नैतिक बीजारोपण कर देना चाहिए जिससे कि आगे चल कर उनकी मानसिक व बौद्धिक क्षमताएं पूरी तरह से परिपक्व हो सकें। अपनी मर्यादा व सीमा में रह कर अपने आदर्शों का संचार करते रहेंगे।
महिलाओं को सशक्त करना होगा

उन्होंने कहा कि महिलाओं को भी इतना सशक्त करना होगा कि वे खुद को आज की संस्कृति के अनुरूप ढाल सकें और मर्यादित रह कर नैतिक जीवन शैली अपना सकें । मेरी राय है कि आज हमें लड़कों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने होंगे, उनकी भटकाव की स्थिति रोकने के लिए सर्वप्रथम परिवार ही प्रमुख घटक है। परिवार के साथ ही शिक्षा का महत्व भी जीवन में बहुत अधिक है। अच्छे संस्कार, अच्छी शिक्षा और अच्छी जीवनशैली ही एक युवा को भटकने से रोक सकते हैं।
जनता की सहभागिता हो
मेहता ने कहा कि आए दिन किस तरह की घटना के लिए सबसे पहले जनता की सहभागिता होनी चाहिए, तब कानून उसकी मदद करेगा। अगर सबकुछ कानून के ऊपर डाल दिया जाएगा ,तो कानून, क्या कर सकेगा? अगर हम ऐसा करेंगे तो इस तरह के अपराध नहीं होंगे और समाज उन्नति कर सकेगा। लड़के की सुरक्षा का महत्व इसलिए है ,लड़का सुरक्षित रहेगा तो लड़की अपने आप में ही सुरक्षित रह पाएगी।
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