एमबीएम विश्वविद्यालय के संबंध में राज्य के उच्च शिक्षा विभाग ने जेएनवीयू को पहला पत्र लिखा है। इससे पहले न तो विवि बनाने के संबंध में कोई पत्राचार हुआ था और न ही विधानसभा में विवि का विधेयक पारित करने के समय। पत्र में वर्तमान में इंजीनियरिंग संकाय के संचालन वाली सम्पति ट्रांसफर करने को लिखा है।
कुलपति व रजिस्ट्रार किससे काम करवाएंगे?
सरकार ने अभी तक एमबीएम विवि के संबंध में गजट नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है। ऐसे में अभी तक एमबीएम विवि का अस्तित्व ही नहीं है। कर्मचारी नहीं होने से सरकार व अन्य एजेंसियों के साथ पत्राचार को लेकर भी कुलपति अजय शर्मा और रजिस्ट्रार पदमाराम को दिक्कतें आएंगी। वर्तमान में एमबीएम विवि के नाम पीडी खाता भी नहीं है। ऐसे में सरकार कुलपति व रजिस्ट्रार को तनख्वाह भी नहीं दे पाएगी।
सरकार ने अभी तक एमबीएम विवि के संबंध में गजट नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है। ऐसे में अभी तक एमबीएम विवि का अस्तित्व ही नहीं है। कर्मचारी नहीं होने से सरकार व अन्य एजेंसियों के साथ पत्राचार को लेकर भी कुलपति अजय शर्मा और रजिस्ट्रार पदमाराम को दिक्कतें आएंगी। वर्तमान में एमबीएम विवि के नाम पीडी खाता भी नहीं है। ऐसे में सरकार कुलपति व रजिस्ट्रार को तनख्वाह भी नहीं दे पाएगी।
एमबीएम विवि का बोर्ड तक नहीं लगा सकते
राज्यपाल ने 24 सितम्बर को एमबीएम विवि विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिए थे लेकिन सरकार के एक महीने बाद भी आदेश जारी नहीं करने से एमबीएम विवि का बोर्ड तक नहीं लगाया जा सकता है।
राज्यपाल ने 24 सितम्बर को एमबीएम विवि विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिए थे लेकिन सरकार के एक महीने बाद भी आदेश जारी नहीं करने से एमबीएम विवि का बोर्ड तक नहीं लगाया जा सकता है।
एआईसीटीई से लेनी होगी मान्यता
वर्तमान में एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज जेएनवीयू की इंजीनियरिंग फैकल्टी के तौर पर एआईसीटीई में मान्यता प्राप्त है। विवि के तौर पर एमबीएम को फिर से मान्यता के लिए आवेदन करना होगा।
वर्तमान में एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज जेएनवीयू की इंजीनियरिंग फैकल्टी के तौर पर एआईसीटीई में मान्यता प्राप्त है। विवि के तौर पर एमबीएम को फिर से मान्यता के लिए आवेदन करना होगा।
‘हमारी सिण्डीकेट तय करेगी कि हमें कौन-कौन सी सम्पति एमबीएम विवि को देनी है। सिण्डीकेट की स्वीकृति के बाद राज्यपाल के आदेश से एमबीएम विवि को जमीन ट्रांसफर होगी।’
प्रो प्रवीण चंद्र त्रिवेदी, कुलपति, जेएनवीयू जोधपुर
प्रो प्रवीण चंद्र त्रिवेदी, कुलपति, जेएनवीयू जोधपुर