कोरोनकाल, बर्ड फ्लू के बीच रहे सुरक्षित
इस बार प्रवासी पक्षियों को थार की आबोहवा खूब रास हुई। खींचन में 31 हजार से अधिक पक्षी कोरोनाकाल में पहुंचे और पूरे प्रदेश में बर्ड फ्लू की दहशत के बावजूद सुरक्षित रहकर प्रवासकाल पूरा कर रहे है। शीतकालीन प्रवास पक्षी वैज्ञानिकों व पक्षी विशेषज्ञों के लिए भी खास रहा । कई पक्षियों में पैरों में रिंगिंग कॉलर व सैटेलाइट टैग मिले थे। जिससे पता चलता है पक्षियों के प्रवास पर शोध करने वाले वैज्ञानिक उनकी स्थिति का आंकलन कर रहे थे।
इस बार प्रवासी पक्षियों को थार की आबोहवा खूब रास हुई। खींचन में 31 हजार से अधिक पक्षी कोरोनाकाल में पहुंचे और पूरे प्रदेश में बर्ड फ्लू की दहशत के बावजूद सुरक्षित रहकर प्रवासकाल पूरा कर रहे है। शीतकालीन प्रवास पक्षी वैज्ञानिकों व पक्षी विशेषज्ञों के लिए भी खास रहा । कई पक्षियों में पैरों में रिंगिंग कॉलर व सैटेलाइट टैग मिले थे। जिससे पता चलता है पक्षियों के प्रवास पर शोध करने वाले वैज्ञानिक उनकी स्थिति का आंकलन कर रहे थे।