आकाश में युद्धक विमानों ने लिख दिया-विजेता- शाम के धुंधलके व रात के अंधेरे में बमों की बारिश से जमीं पर रेत के गुबार उठे, वहीं आकाश में विमानों की कलाबाजियों के बीच युद्धक व प्रहारक क्षमता ने रौंगटे खड़े कर दिए। पायलट के इशारों के बीच युद्धाभ्यास में दोपहर, शाम व रात के अलग-अलग हालात में वायु योद्धाओं ने हवाई ताकत दिखा महान शक्ति की घोषणा समूची दुनिया में कर दी। दुनिया की सबसे ताकतवर वायुसेनाओं की फेहरिस्त में शामिल भारतीय वायुसेना ने हवाई ताकत और युद्धक क्षमता और आग्नेय शक्ति के जीवन्त प्रदर्शन के साथ शनिवार को चांधन फील्ड फायरिंग रेंज में आयोजित दिन-रात के युद्धाभ्यास ‘वायुशक्ति-2019Ó को अंजाम दिया। जैसलमेर के समीप पोकरण चांदमारी परिसर में इस गौरवशाली क्षणों के साक्षी सशस्त्र बल न्याधिकरण के अध्यक्ष वीरेन्द्रसिंह, थल सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, वायु सेनाध्यक्ष एयर चीफ मार्शल बीएस धनोवा, दक्षिण पश्चिम वायु कमान के वायु अफसर कमांडिंग-इन-चीफ एयर मार्शल एचएस अरोरा और पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर भी बने।
करीब 2 घंटे तक आसमान में चले घूम-धड़ाके में एयर शो में ‘ऑन टाइम, ऑन टारगेट व एवरी टाइमÓ की संकल्पना को मूर्त रूप देकर ‘शत्रुÓ को नेस्तनाबूद कर मारक क्षमता का प्रदर्शन किया। 137 लड़ाकू विमानों ने काल्पनिक शत्रुओं को सतह और हवा में अनेक प्रकार की मिसाइलों, युद्धक सामग्री और रॉकेट लांचर से भेदकर नेस्तनाबूद किया तो अस्ताचल की सूर्यरथ के बढ़ते ही जब चहुंओर अंधेरा छा गया तो प्रचंड अग्नि को ‘बाम्बी बकेट ऑपरेशनÓ से शांत भी किया। युद्धाभ्यास के दौरान बम से लेकर मिसाइल तक की क्षमताओं का आकलन किया गया। अंधकार में भी हजारों फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरते हुए एन-32 वायुयान से गरुड़ विशेष सुरक्षा बलों की पैराड्राप कलाबाजी ने रोंगटे खड़े कर दिए।
करीब 2 घंटे तक आसमान में चले घूम-धड़ाके में एयर शो में ‘ऑन टाइम, ऑन टारगेट व एवरी टाइमÓ की संकल्पना को मूर्त रूप देकर ‘शत्रुÓ को नेस्तनाबूद कर मारक क्षमता का प्रदर्शन किया। 137 लड़ाकू विमानों ने काल्पनिक शत्रुओं को सतह और हवा में अनेक प्रकार की मिसाइलों, युद्धक सामग्री और रॉकेट लांचर से भेदकर नेस्तनाबूद किया तो अस्ताचल की सूर्यरथ के बढ़ते ही जब चहुंओर अंधेरा छा गया तो प्रचंड अग्नि को ‘बाम्बी बकेट ऑपरेशनÓ से शांत भी किया। युद्धाभ्यास के दौरान बम से लेकर मिसाइल तक की क्षमताओं का आकलन किया गया। अंधकार में भी हजारों फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरते हुए एन-32 वायुयान से गरुड़ विशेष सुरक्षा बलों की पैराड्राप कलाबाजी ने रोंगटे खड़े कर दिए।
यों दिखाई ताकत- तीन एमआई- 17 हेलिकॉप्टरों ने राष्ट्रध्वज तिरंगे और वायु सेना के प्रतीक ध्वज के साथ ग्रेंड स्टैण्ड के सामने से उड़ान भरी तो समूचा माहौल करतल ध्वनि से गूंज उठा। इसमें अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमान सुखोइ-30 एमकेआई, मिग-29, मिराज 2000, जगुआर, मिग-27, मिग-21, तेजस, हॉक, एमआइ 17 वीएस, एमआइ 35 और एएलएच एमके-4 विमानों ने भी जलवा दिखाया। ट्रांसपोर्ट वायुयानों में एएन-32, हरक्यूलिस सी- 130 और एईडब्ल्य एंड सी शामिल थे। इसके अलावा एयर डिफेंस सिस्टम, काउंटर सरफेस फोर्सेज ऑपरेशन सर्च व रेस्क्यू ऑपरेशन का भी प्रदर्शन हुआ।
फैक्ट फाइल –
-137 विमान हुए शामिल -91 लड़ाकू विमान बने युद्धाभ्यास का हिस्सा
-21 सहायक विमानों की रही युद्धाभ्यास में भागीदारी -3 एमआई-17 हेलिकॉप्टरों ने आग्नेय शक्ति के प्रतीकों के रूप में किया एयर शो का आगाज
-137 विमान हुए शामिल -91 लड़ाकू विमान बने युद्धाभ्यास का हिस्सा
-21 सहायक विमानों की रही युद्धाभ्यास में भागीदारी -3 एमआई-17 हेलिकॉप्टरों ने आग्नेय शक्ति के प्रतीकों के रूप में किया एयर शो का आगाज
धनोआ ने दिया भरोसा-
वायुसेना अध्यक्ष धनोआ ने भारतीय वायुसेना की ओर से किए जा रहे शक्ति प्रदर्शन की समीक्षा करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति भारतीय वायुसना की कटिबद्धता और बाहरी आक्रमणों को विफल करने की क्षमताओं से राष्ट्र को आश्वस्त किया।
वायुसेना अध्यक्ष धनोआ ने भारतीय वायुसेना की ओर से किए जा रहे शक्ति प्रदर्शन की समीक्षा करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति भारतीय वायुसना की कटिबद्धता और बाहरी आक्रमणों को विफल करने की क्षमताओं से राष्ट्र को आश्वस्त किया।