scriptइस बार रक्षाबंधन को पूरे दिन रहेगा भद्रा का साया , बहनें दिन में राखी से नहीं सजा पाएगी भाइयों की कलाइयां | This time the shadow of Bhadra will remain for the whole day on Raksha | Patrika News

इस बार रक्षाबंधन को पूरे दिन रहेगा भद्रा का साया , बहनें दिन में राखी से नहीं सजा पाएगी भाइयों की कलाइयां

locationजोधपुरPublished: Aug 04, 2022 10:04:45 pm

Submitted by:

Nandkishor Sharma

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त रात 8.51 से 9.50 बजे तक ही
 

इस बार रक्षाबंधन को पूरे दिन रहेगा भद्रा का साया , बहनें दिन में राखी से नहीं सजा पाएगी भाइयों की कलाइयां

इस बार रक्षाबंधन को पूरे दिन रहेगा भद्रा का साया , बहनें दिन में राखी से नहीं सजा पाएगी भाइयों की कलाइयां

जोधपुर. रक्षाबंधन को इस बार 11 अगस्त के दिन भद्रा का साया रहने से बहनें दिन में भाइयों की कलाइयों पर रक्षा सूत्र नहीं बांध सकेगी। श्रावण शुक्ल चतुर्दशीयुक्त पूर्णिमा को सिर्फ एक घंटा ही राखी बांधने का समय मिल पाएगा । राखी के त्योहार के दिन भद्रा रात 8 बजकर 51 मिनट तक रहेगी । इसके बाद रात 8 बजकर 51 मिनट से रात 9 बजकर 50 मिनट तक ही राखी बांधने का समय मिल पाएगा । ज्योतिषियों के अनुसार 11 अगस्त को पूर्णिमा तिथि सुबह 10 बजकर 39 मिनट पर शुरू हो जाएगी , जो अगले दिन 12 अगस्त को सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक रहेगी । इस बार 12 अगस्त को पूर्णिमा तीन मुहूर्त से कम होने के कारण रक्षाबंधन त्योहार 11 अगस्त को ही मनाया जाएगा ।
जरूरी होने पर भद्रा के पुच्छ काल बांध सकेंगी राखी

रक्षाबंधन के दिन प्रदोष काल में राखी बांधना श्रेष्ठ माना गया है । इसके बाद 11 अगस्त को दिनभर भद्रा रहने से प्रदोष काल में सिर्फ रात 8 बजकर 51 मिनट से रात 9 बजकर 50 मिनट तक ही राखी बांधी जाएगी । हालांकि जरूरी हुआ तो भद्रा के पुच्छ काल में शाम 5 बजकर 18 मिनट से 6 बजकर 20 मिनट तक भी राखी बांधी जा सकेगी । उन्होंने बताया कि इस दिन चंद्रमा मकर राशि में रहेगा । ऐसे में भद्रा पाताल लोक की मानी जाएगी । ऐसे में अति आवश्यक हुआ तो पाताल लोक की भद्रा में राखी बांधी जा सकेगी ।
पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी और ज्योतिष डॉ अनीष व्यास ने बताया कि इस बार भद्रा का निवास पृथ्वी लोक में नहीं होकर पाताल लोक में है। अतः भूलोक पर इसका इतना प्रभाव नहीं रहेगा। रक्षाबंधन पर घटित होने वाली भद्रा वृश्चिकी भद्रा है। सर्पिणी भद्रा नहीं होने से इसके मुंख में रक्षाबंधन मनाया जा सकता है क्योंकि बिच्छू के पुंछ में विष होता है। अतः वृश्चिकी भद्रा की पूछ त्याज्य है। यद्यपि शास्त्रानुसार 11 अगस्त को रात्रि 8:50 के बाद भद्रोत्तरम ( भद्रा के उपरांत) राखी बांधी जाना अधिक उपयुक्त है। परंतु आवश्यक परिस्थिति में सायं 6:08 से रात्रि 8:00 बजे तक भद्रा मुख में राखी बांधी जा सकती है।
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