लक्षणों से पहचान– यह वायरस लोगों के श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। इसके वायरस मौसमी फ्लू जैसे ही होते हैं, जिससे ये आसानी से पहचान में नहीं आते। अचानक बुखार, ठंड, गले में खराश, सिरदर्द, खांसी और बदन दर्द जैसे लक्षण होते हैं।
ऐसे होता है फैलाव- यह बेहद संक्रामक बीमारी है। जैसे ही कोई इस वायरस से प्रभावित शख्स के संपर्क में आता है, यह उसे भी हो जाता है। प्रभावित व्यक्ति के छींकने या खांसने से भी पास खड़े शख्स को अपनी चपेट में ले सकता है।
ऐसे करें बचाव– खांसते और छींकते वक्त मुंह व नाक को रूमाल या टिश्यू से ढंक लें। नाक, आंखें या मुंह को छूने के पहले और बाद हाथों को अच्छी तरह साबुन से धोएं। खांसी-बहती नाक, छींक व बुखार जैसे फ्लू के लक्षणों से प्रभावित लोगों से दूरी बनाएं। भरपूर नींद लें और डॉक्टर के निरंतर संपर्क में रहे। खूब पानी पीएं व पोषक भोजन लें।
इन्हें सबसे ज्यादा खतरा-
इन्हें सबसे ज्यादा खतरा-
सर्वाधिक खतरा 0 से 5 वर्ष के बच्चों, 65 या इससे अधिक उम्र के बुजुर्ग, गर्भवती महिला, हृदय रोगी व फेफड़े खराब वाले मरीज सहित अन्य गंभीर बीमारियों के रोगियों को हैं। इन्हें सावधान रहने की जरूरत है।
घबराएं नहीं, समय पर इलाज लें– जोधपुर में जिन लोगों को स्वाइन फ्लू हो चुका है, उन्हें डरने की आवश्यकता नहीं है। अब उनकी बॉडी एच-1 एन-1 वायरस झेलनी की आदि हो चुकी है। अधिकतर लोगों में पुराने स्वाइन फ्लू से लडऩे के लिए एंटी बॉडी तैयार हो चुकी है। बस, लक्षण दिखते ही तुरंत चिकित्सकीय परामर्श जरूर लें। डॉक्टर से पूछे बगैर दवा न लें।
प्रार्थना सभाओं पर रोक जोधपुर. स्वाइन फ्लू के बढ़ते प्रकोप को लेकर जिला प्रशासन ने निजी-सरकारी व शहर-गांव की स्कूलों में प्रार्थना सभाओं सहित एेसे कार्यक्रम जिसमें बच्चों का समूहीकरण हो पर रोक लगा दी है।
मेडिकोज ने निकाली रैली, दिया संदेश जोधपुर. मेडिकल छात्रा के स्वाइन फ्लू के चपेट में आने के बाद सोमवार को एसएन मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों ने जागरूकता रैली निकाली। छात्र संघ अध्यक्ष रोहित दुहान ने बताया कि रैली को अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. अजय मालवीय व डॉ. विकास राजपुरोहित ने झण्डी दिखाकर रवाना किया। रैली में छात्र संघ के अन्य पदाधिकारी भी शामिल हुए। रैली के जरिए लोगों को स्वाइन फ्लू से बचने व सावधानियां बरतने का संदेश दिया।चिकित्सा विभाग के निर्देशन में निजी कॉलेज के विद्यार्थियों ने शहर के कई क्षेत्रों में जाकर स्वाइन फ्लू से प्रभावित व बुखार पीडि़त मरीजों की स्क्रीनिंग की।