स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा एनएचएम की ओर से हाल ही अप्रेल से जुलाई माह तक प्रदेश के मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल व सेटेलाइट अस्पतालों में चल रहे एसएनसीयू (स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट) व लेबर रूम की व्यवस्थाओं को लेकर सर्वे किया गया।
सर्वे रिपोर्ट के अनुसार नवजात की केयर करने में डॉ. एस.एन. मेडिकल कॉलेज जोधपुर को प्रथम, बीकानेर मेडिकल कॉलेज को द्वितीय एवं अजमेर मेडिकल कॉलेज को तृतीय रैंक हासिल हुई है। जबकि मई की तुलना में इम्प्रूवमेंट के रूप में जनाना अस्पताल अजमेर ने प्रथम रैंक हासिल की है। मेडिकल कॉलेज जेके लोन जयपुर व महिला चिकित्सालय जयपुर को अन्तिम क्रमश: 9 व 10 वीं रैंक मिली है। ऑल ओवर स्कॉर इम्प्रूवमेंट के रूप में राजस्थान का उच्च स्कॉर 84 से बढ़कर 85 तथा निम्न स्कोर 39 से बढ़कर 41 हो गया।
ये थे मानक
डॉ. एस. एन. मेडिकल कॉलेज जोधपुर के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. प्रमोद शर्मा ने बताया कि मंत्रालय व एनएचएम की ओर से परफॉर्मेंस सर्वे के लिए सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों, जिला अस्पतालों, सेटेलाइट अस्पतालों में संचालित एसएनसीयू में कितने कम वजन वाले नवजात जीवित रहे, कंगारू मदर केयर की व्यवस्था, ऑक्सीजन का प्रयोग, कितनी दूरी से कितने रेफरल नवजात आए और उनका फॉलोअप कैसा रहा तथा इकाई में भर्ती नवजात को अनावश्यक एंटीबॉयोटिक का प्रयोग जैसे पैरामीटर निर्धारित किए गए थे।
डॉ. एस. एन. मेडिकल कॉलेज जोधपुर के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. प्रमोद शर्मा ने बताया कि मंत्रालय व एनएचएम की ओर से परफॉर्मेंस सर्वे के लिए सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों, जिला अस्पतालों, सेटेलाइट अस्पतालों में संचालित एसएनसीयू में कितने कम वजन वाले नवजात जीवित रहे, कंगारू मदर केयर की व्यवस्था, ऑक्सीजन का प्रयोग, कितनी दूरी से कितने रेफरल नवजात आए और उनका फॉलोअप कैसा रहा तथा इकाई में भर्ती नवजात को अनावश्यक एंटीबॉयोटिक का प्रयोग जैसे पैरामीटर निर्धारित किए गए थे।
जिला अस्पताल में चितौडगढ़़ प्रथम
सर्वे रिपोर्ट में जिला अस्पताल के रूप में नवजात की केयर करने में जिला अस्पताल चितौडगढ़़ ने प्रथम, श्रीगंगानगर अस्पताल ने द्वितीय व धौलपुर अस्पताल ने तीसरी रैंक हासिल की। जबकि मई की तुलना में इम्प्रूवमेंट के रूप में झुंझुनू जिला अस्पताल ने प्रथम रैंक पाई।
सर्वे रिपोर्ट में जिला अस्पताल के रूप में नवजात की केयर करने में जिला अस्पताल चितौडगढ़़ ने प्रथम, श्रीगंगानगर अस्पताल ने द्वितीय व धौलपुर अस्पताल ने तीसरी रैंक हासिल की। जबकि मई की तुलना में इम्प्रूवमेंट के रूप में झुंझुनू जिला अस्पताल ने प्रथम रैंक पाई।
यहां पिछड़ गए हम घरों में जन्म लेने वाले बच्चों को अस्पताल लाकर या घर-घर जाकर केयर करने व उसके फॉलोअप के मामले में एसएन मेडिकल कॉलेज की उपलब्धि शून्य रही है। जबकि प्रदेश के जिला अस्पताल चितौडगढ़़, श्रीगंगानगर व धौलपुर ने क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान हासिल किया है।