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50 हजार से ज्यादा की आबादी और सभी अभियंताओं के पद रिक्त

locationजोधपुरPublished: Sep 03, 2019 11:43:20 am

Submitted by:

Mahesh

फेक्ट फाइल – पीएचईडी फलोदी शहरशहर की आबादी – 50 हजार से ज्यादाकुल कनेक्शन – करीब 8 हजारतकनीकी अधिकारी- सभी 3 पद रिक्तपत्रिका न्यूज़ नेटवर्कफलोदी. फलोदी शहर यूं तो जिले की ओर अग्रसर है और कई बड़े अधिकारी भी यहां बैठते है, लेकिन यहां जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के हालात ये है कि शहर उपखण्ड कार्यालय में पिछले करीब 5 माह से कोई अधिकारी नहीं है। शहर की जलापूर्ति व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी अब विभाग के अन्य अधिकारियों को कार्यवाहक अधिकारी रूप में सौंपी गई है। इन हालातों के चलते शहर में जलापूर्ति से संबंधित समस्याओं का समाधान काफी मुश्किल हो गया है।

फलोदी के खीचन में मिट्टीयुक्त जलापूर्ति

फलोदी के खीचन में मिट्टीयुक्त जलापूर्ति

पांच माह से नहीं है सहायक अभियंता-
नगर उपखण्ड कार्यालय में गत मार्च 2019 में कार्यरत सहायक अभियंता का यहां से स्थानांतरण हो गया था। उसके बाद विभागीय उदासीनता के चलते सहायक अभियंता का पद अब तक रिक्त ही पड़ा है और पीएचईडी एक्सईएन कार्यालय के टीए को यह अतिरिक्त कार्यभार दे रखा है। साथ ही शहर में दो पद कनिष्ठ अभियंता के है, जिनमें से दोनों ही पद पिछले करीब दो साल से रिक्त ही चल रहे है तथा ग्रामीण के कनिष्ठ अभियंता को शहर का अतिरिक्त कार्यभार दे रखा है। एैसे में पीएचईडी शहर कार्यालय के सभी तकनीकी अधिकारियों के पद रिक्त होने के बाद शहर की जलापूर्ति व्यवस्थाओं के हालात साफ तौर पर दिखाई दे रहे है।
इधर ग्रामीण में भी नहीं है एईएन-
पीएचईडी के शहर कार्यालय के साथ ही ग्रामीण में भी सहायक अभियंता का पद रिक्त चल रहा है। इसका अतिरिक्त कार्यभार बाप एईएन को दे रखा है। इसी प्रकार बाप व लक्ष्मणनगर कनिष्ठ अभियंता का पद रिक्त है।
पीएचईडी मंत्री को भेजा ज्ञापन-
राजस्थान पेंशनर समाज उपशाखा फलोदी के अध्यक्ष एवं जिला उपाध्यक्ष जयकृष्ण थानवी ने पीएचईडी मंत्री को ज्ञापन भेजकर बताया कि फलोदी शहर की आबादी 50 हजार है, लेकिन यहां शहर के पीएचईडी कार्यालय में पिछले कई माह से न तो सहायक अभियंता है और न ही कनिष्ठ अभियंता। जिसके चलते शहर की जलापूर्ति से संबंधित समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है तथा लोगों को महंगे दामों पर टैंकर मंगवाने पड़ते है। यहां पर्याप्त जल की उपलब्धता के बावजूद की जलापूर्ति की दिक्कतें आ रही है। वहीं दूसरी ओर लाखों की लागत से बने केशव नगर हैडवक्र्स पर उच्च जलाशय की टेस्टिंग के दौरान लीकेज के बाद अब तक शुरू नहीं हो पाया है। उन्होंने शहर में अभियंता नियुक्त करने व केशव नगर हैडवक्र्स शुरू करने की मांग की है।
इधर खीचन में हो रही मिट्टीयुक्त जलापूर्ति-

खीचन निवासी सेवाराम माली ने बताया कि गांव में पिछले लम्बे समय से मिट्टीयुक्त जलापूर्ति हो रही है। यहां नलों में आने वाला पानी बदबूदार भी होता है। जिसके चलते ग्रामीण जलापूर्ति समस्या से परेशान है। उन्होंने गांव में स्वच्छ जलापूर्ति की व्यवस्थाएं सुचारू करने की मांग की है।
इनका कहना है-
फलोदी नगर उपखण्ड व ग्रामीण दोनों में ही रिक्त अभियन्ताओं के पद भरने को लेकर उच्चाधिकारियों से लगातार सम्पर्क किया जा रहा है तथा दो दिन पूर्व ही पत्र लिखा है।
रामरतन सुथार, अधिशासी अभियंता, पीएचईडी, फलोदी

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