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सब्जी मंडियों और मछली मार्केट की स्वच्छता पर भी टिकी है जोधपुर की स्वच्छता रैंकिंग, पसरी पड़ी है गंदगी

शहर की अधिकांश सब्जी मंडियों का हाल बे-हाल है। पावटा सब्जी मंडी में गंदगी पसरी रहती थी। कुछ माह पहले इसे भदवासिया मुख्य मंडी में शिफ्ट कर दिया गया। वहां पिछले कुछ दिन से दो से तीन बार सफाई होती है।

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vegetable and fish markets of jodhpur are not clean as per ranking

सब्जी मंडियों और मछली मार्केट की स्वच्छता पर भी टिकी है जोधपुर की स्वच्छता रैंकिंग, पसरी पड़ी है गंदगी

अविनाश केवलिया/जोधपुर. शहर की अधिकांश सब्जी मंडियों का हाल बे-हाल है। पावटा सब्जी मंडी में गंदगी पसरी रहती थी। कुछ माह पहले इसे भदवासिया मुख्य मंडी में शिफ्ट कर दिया गया। वहां पिछले कुछ दिन से दो से तीन बार सफाई होती है। इसकी खास वजह यह है कि स्वच्छता सर्वेक्षण में सब्जी मंडियों और फिश मार्केट की स्वच्छता का भी टास्क है और यहां की साफ-सफाई का भी शहर की रैंकिंग में अहम रोल रहेगा। अधिकारियों को पता है कि सर्वे टीम भदवासिया मण्डी जा सकती है। मच्छी मार्केट की गली गंदगी से अटी पड़ी है और वहां से गुजरने पर बदबू के झौंके से जी मिचलाने लगता है।

अंक गणित
- मंडियों की स्वच्छता के लिए अधिकतम 150 अंक।
- न्यूनतम 50 अंक।

स्पॉट 1 - भदवासिया फल-फ्रूट मंडी
‘पत्रिका’ टीम शाम 4 बजे भदवासिया मण्डी पहुंची। उस समय वहां 20 से ज्यादा कर्मचारी सफाई कर रहे थे। पूछताछ की तो पता चला कि जैसे-जैसे टीम आने के दिन नजदीक आ रहे हैं वैसे-वैसे सफाई टीमों को सक्रिय किया गया है। कुछ मिलाकर यहां स्वच्छता के हालात संतोषजनक नजर आए। टीम यहां के हालात देखती है तो डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन में लाज बच सकती है।

स्पॉट - 2 घंटाघर मंडी
शहर के बीच सबसे पुरानी सब्जी मंडियों में से एक घंटाघर सब्जी मंडी। दोपहर 2 बजे का समय। लोग खरीदारी में व्यस्त। कई गलियों में सब्जियों का सड़ा गला कचरा और गंदगी। दुर्गंध से हालात खराब। मंडी में कचरा पात्र जैसी कोई सुविधा भी नहीं।

स्पॉट 3 - मच्छी मार्केट
नई सडक़ के समीप मच्छी मार्केट की स्थिति सफाई की दृष्टि से कई गुजरी है। नई सडक़ की ओर से प्रवेश करने के मुहाने पर ही गंदगी के ढेर लगे हैं। कोई व्यक्ति यदि पैदल प्रवेश करना चाहे तो भी मुश्किल। इसके बाद मार्केट के अंदर भी किसी प्रकार की कचरा पात्र या अन्य सुविधाएं नहीं है। संक्रमण का खतरा भी बना रहता है।

जागरूकता ही पहल भी जिम्मेदारी से नहीं
स्वच्छता सर्वेक्षण के प्रति शहरवासियों को जागरूक करने के लिए घंटाघर-नई सडक़ चौराहे पर रंगोली सजाई गई। बीच सडक़ पर यह रंगोली लोगों के आकर्षण का केन्द्र रही। लोगों को जागरूक करने के लिए यह प्रयास अच्छा था। लेकिन जिम्मेदारों ने शायद इस ओर ध्यान नहीं दिया। स्वच्छता सर्वेक्षण का संदेश देने वाला स्लोगन भी गलत लिखा गया जो कि लोगों मे काफी चर्चा का विषय रहा। वार्ड नम्बर 37 के कर्मचारियों ने यह रंगोली बनाई थी। यहां रंगोली के बीच स्वच्छता सर्वेक्षण के स्थान पर ‘स्वच्छता स्ववर्षण 2020’ लिखा गया।