इस मामले में विचाराधीन राज्य सरकार की अपील पर 18 नवंबर को सुनवाई होगी। वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा और न्यायाधीश विनीतकुमार माथुर की खंडपीठ में पीडि़ता ने अपनी मां के माध्यम से एकलपीठ के निर्णय के खिलाफ अपील पेश की थी।
एकलपीठ ने हाल ही एक 17 वर्षीय नाबालिग के गर्भपात की अनुमति देने से इनकार करते हुए कहा था कि बलात्कार पीडि़ता के जीवन के अधिकार का संरक्षण जरूरी है, लेकिन जन्म लेने वाले बच्चे के जीवन के अधिकार की भी अनदेखी नहीं की जा सकती। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मंगलवार को पीडि़ता और उनकी मां को चैम्बर में भी सुना।
मां ने बुधवार को यह कहते हुए अपील वापस लेने का प्रार्थना पत्र पेश किया कि अब गर्भावस्था अग्रिम स्टेज पर है, जिसके चलते गर्भपात से उसकी बेटी को खतरा हो सकता है। कोर्ट ने अपील विड्रो करने की मंजूरी दे दी। साथ ही अधिवक्ता डॉ. सचिन आचार्य और अतिरिक्त महाधिवक्ता पंकज शर्मा को इस विषय पर सभी पहलुओं पर अध्ययन करने के बाद राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई के दौरान सुझाव देने के निर्देश दिए हैं।