जिले के १७४ वन्यजीव विचरण क्षेत्र में पेयजल संकट
जोधपुर जिले के 174 वन्यजीव बहुल क्षेत्रों में वन्यजीवों के लिए पेयजल संकट है। बिश्नोई टाईगर्स वन्य एवं पर्यावरण संस्थान के प्रदेशाध्यक्ष रामपाल भवाद ने बताया कि वन विभाग को पेयजल संकटग्रस्त क्षेत्रों की सूची प्रेषित की जा चुकी है। परन्तु अभी तक वन अधिकारियों ने समस्या निवारण के लिए कोई पहल नहीं की है। जोधपुर जिले से सटे रोहट पंचायत समिति के विभिन्न गांवों में इन दिनों दर्जनों मोरों की लगातार संदिग्ध मौत हो रही है। एेसे में रेस्क्यू वाहनों का संचालन बजट अभाव में ठप होना पक्षियों और वन्यजीवों के लिए जानलेवा साबित होगा।
जोधपुर जिले के 174 वन्यजीव बहुल क्षेत्रों में वन्यजीवों के लिए पेयजल संकट है। बिश्नोई टाईगर्स वन्य एवं पर्यावरण संस्थान के प्रदेशाध्यक्ष रामपाल भवाद ने बताया कि वन विभाग को पेयजल संकटग्रस्त क्षेत्रों की सूची प्रेषित की जा चुकी है। परन्तु अभी तक वन अधिकारियों ने समस्या निवारण के लिए कोई पहल नहीं की है। जोधपुर जिले से सटे रोहट पंचायत समिति के विभिन्न गांवों में इन दिनों दर्जनों मोरों की लगातार संदिग्ध मौत हो रही है। एेसे में रेस्क्यू वाहनों का संचालन बजट अभाव में ठप होना पक्षियों और वन्यजीवों के लिए जानलेवा साबित होगा।
वापस घायलों की सेवा में जुटे वाहन
जिस पेट्रोल पम्प से रेस्क्यू वाहनों के लिए ईंधन की पूर्ति होती है वहां भुगतान नहीं होने पर आपूर्ति बंद की गई थी जिसे बाद में समझाइश के बाद पुन: शुरू कर दी गई है। गुरुवार से रेस्क्यू वाहन पुन: घायल वन्यजीवों की सेवा व पेट्रोलिंग में जुट गए है।
जिस पेट्रोल पम्प से रेस्क्यू वाहनों के लिए ईंधन की पूर्ति होती है वहां भुगतान नहीं होने पर आपूर्ति बंद की गई थी जिसे बाद में समझाइश के बाद पुन: शुरू कर दी गई है। गुरुवार से रेस्क्यू वाहन पुन: घायल वन्यजीवों की सेवा व पेट्रोलिंग में जुट गए है।