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महिलाओं के इशारों पर चलेगी गांवों की सरकार

locationजोधपुरPublished: Dec 22, 2019 12:20:19 am

Submitted by:

Manish kumar Panwar

ज्यादातर प्रधानों का बदलना तय, मात्र दो पंचायत समितियों में नहीं हुआ परिवर्तन

महिलाओं के इशारों पर चलेगी गांवों की सरकार

महिलाओं के इशारों पर चलेगी गांवों की सरकार

जोधपुर. जिले की 21 पंचायत समितियों में प्रधान पद के आरक्षण तय होने के साथ ही राजनीति दलों ने सियासी समीकरण तलाशने शुरू कर दिए हैं। आरक्षण की लॉटरी से यह तय हो गया कि दो समितियों के अलावा सभी स्थानों पर नए प्रधान चुने जाएंगे।
१. फलोदी
लगातार दूसरी बार प्रधान सामान्य वर्ग का होगा। इसके अनुरूप कांग्रेस-भाजपा के दावेदारों ने समीकरण बिठाने शुरू कर दिए हैं। पिछले 25 साल में यह चौथा मौका है जब प्रधान की सीट सामान्य के खाते में है। नए परिसीमन के बाद पंचायत समिति में वार्डों की संख्या 21 से घटकर 19 ही रह गई है। पिछली बार प्रधान भाजपा का था। पार्टी इसे बरकरार रखने की जुगाड़ में है।

2. बालेसर.

दस साल बाद प्रधान की सीट फिर सामान्य महिला के खाते में आई है। मौजूदा प्रधान बाबूसिंह इंदा का वार्ड भी आरक्षित हो गया है। ऐसे में इस बार यहां महिला सदस्यों का दबदबा रहेगा। हैं।
3. सेखाला.
इस बार प्रधान का पद ओबीसी के लिए आरक्षित हुआ है। वर्तमान प्रधान दुष्यंत परिहार का वार्ड भी एससी से सामान्य हो गया है। यहां भी 17 के बजाए 15 वार्डों में चुनाव होगा।
4. लोहावट.
पिछली बार यहां प्रधान ओबीसी वर्ग से था। इस बार सामान्य महिला प्रधान बनेगी। समिति में कुल 19 वार्ड है, जिनमें से नौ तो पहले से महिला के लिए आरक्षित है। लेकिन, अब सामान्य महिला आने से इनकी संख्या बढऩे की उम्मीद है। इस पंचायत समिति पर सबकी नजरें रहेगी।
5. बाप.

प्रधान पद लगातार दूसरी बार सामान्य महिला के लिए आरक्षित हुआ है। अभी भाजपा की खुशवंत कंवर प्रधान है। इस बार मुकाबला कड़ा रहने की संभावना है। फिलहाल दोनों दल 25 से घटकर 17 वार्ड की रह गई समिति में संभावित प्रधान की तलाश में जुटे हैं।
6. ओसियां.
ओसियां के प्रधान पद पर अभी से निगाहें टिकी हैं। अभी 21 सदस्यीय समिति में भाजपा के 11 व कांग्रेस के 10 सदस्य हैं। कांग्रेस ने एक सीट २०१६ में वार्ड नम्बर १७ से भाजपा सदस्य के इस्तीफा पर हुए उपचुनाव में जीती थी। पिछली बार एक कांग्रेस पार्षद की क्रॉस वोटिंग से भाजपा की ज्योति जाणी प्रधान बनी थी। इस बार कांग्रेस से पिछली बार प्रत्याशी रही सन्तोष कंवर के पति ओमसिंह भाटी, पूर्व सरपंच भगवानदास राठी एवं चूनाराम खीचड़ तो भाजपा सेजस्साराम जाणी, पंडितजी ढाणी सरपंच उम्मेदाराम सारण एवं ओमप्रकाश तापू दावेदार हैं।

7. तिंवरी.
तिंवरी के 23 वार्डों में से 14 सीटें जीतकर भाजपा ने प्रधान पद कब्जाया था। इस बार वार्ड 6 और 8 एससी वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। प्रधान पद के लिए इन वार्डों पर ही नजर रहेगी। वार्ड 6 में घेवड़ा और बड़ला बासनी इलाका आता है, वहीं वार्ड 8 में पांचला खुर्द इलाका आता है। ऐसे में इन सीटों पर रोमांचक मुकाबला देखा जा सकता है। हालांकि पार्टियां सामान्य सीटों पर भी एससी वर्ग की महिला दावेदार को मैदान में उतार कर समीकरण बदल सकती हैं।
8. शेरगढ़.
शेरगढ़ पंचायत समिति में 15 साल बाद सामान्य सीट आई है। परिसीमन के बाद अब १७ वार्ड बचे हैं। संभावित दावेदारों में कांग्रेस से श्रवणसिंह जोधा, भगवानङ्क्षसह तेना और भाजपा से उप प्रधान रहे खुमानङ्क्षसह जोधा, जालमङ्क्षसह महेचा, गुलाबङ्क्षसह प्रमुख दावेदार हैं।
9. बिलाड़ा.
प्रधान की सीट सामान्य महिला के लिए आरक्षित होते ही कई बड़े दावेदारों की जमीन खिसक गई है। १९ सदस्यीय समिति में इस बार भी महिलाओं का दबदबा रहेगा। कांग्रेस की ओर से पूर्व प्रधान कुसुम विश्नोई तथा भाजपा की वर्तमान पार्षद सुमित्रा विश्नोई प्रमुख दावेदार हैं। इन दोनों के अलावा और भी कई नए चेहरे सामने आ सकते हैं।
10. पीपाड़सिटी.
प्रधान पद सामान्य श्रेणी का होने से कई दिग्गज दावेदारों के चेहरे खिल गए हैं। साथ ही प्रधान बनने के लिए कांग्रेस व बीजेपी के बड़े नेताओं ने भी समीकरण बिठाने शुरू कर दिए हैं। दूसरी ओर, भाजपा-आरएलपी के संभावित गठबंधन ने दावेदारों की धुकधुकी बढ़ा रखी है।
11. बापिणी

पंचायत समिति प्रधान की सीट इस बार अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुई है। नए परिसीमन के बाद 15 सदस्यीय समिति में 08 वार्ड सामान्य, तीन तीन ओबीसी व एससी और एक सीट एसटी के लिए आरक्षित है। एेसे में प्रधान के लिए दावा ठोक रहे कई नेताआें की उम्मीदों पर पानी फिरा है। निगाहें एससी की तीन सीटों पर लगी है।
12. भोपालगढ़.
भोपालगढ़ में प्रधान पद ओबीसी महिला के लिए आरक्षित हुआ है। अभी प्रधान पद पर भाजपा का कब्जा है। समिति में पिछली बार हुए चुनावों में कुल २३ वार्डों में से भाजपा के ११, कांग्रेस के ८ एवं ४ निर्दलीय प्रत्याशियों ने चुनाव जीता था। इस बार दोनों ही दल अभी से प्रधान पद कब्जाने का जोर लगा रहे हैं।
13. लूणी.

लूणी में प्रधान पद दस साल बाद सामान्य के लिए आरक्षित हुआ है। नए परिसीमन ने भी समीकरण बदले हैं। मौजूदा प्रधान भाजपा की नीरज कंवर है। सामान्य सीट होने से यहां दोनों दलों की ओर से अभी से दावेदारों की लंबी कतार दिखाई देने लगी है।
14. मंडोर.

मंडोर प्रधान का पद भी सामान्य महिला के लिए आरक्षित होने से यहां मुकाबला कड़ा होने की उम्मीद है। पिछली बार इस समिति में १७ वार्ड थे। जो नए परिसीमन के बाद घटकर १५ हो गए। इन १५ वार्डों में भी महिलाओं का दबदबा बना रहेगा। यहां वर्तमान प्रधान भी कांग्रेस के समर्थन से निर्वाचित हुआ है।
15. देचू.
पंचायत समिति में दूसरी बार चुनाव होंगे। वर्तमान में हेमाराम (भाजपा) प्रधान है। इस बार प्रधान की सीट एससी रिजर्व होने से कई लोगों की उम्मीदों पर पानी फिरा है। सभी की नजरें एससी के लिए आरक्षित वार्ड 1 और 2पर टिकी है।
16. बावड़ी.

पिछली बार क्रॉस वोटिंग से कांग्रेस के अलाराम मेघवाल प्रधान चुने गए थे। नए आरक्षण में प्रधान पद सामान्य महिला के लिए आरक्षित हुआ है। ऐसे में २१ सदस्यीय समिति में नए समीकरण बनने के आसार हैं।
पांच नई समितियों पर रहेगी नजर

नए परिसीमन के बाद जिले में अब १६ की जगह २१ पंचायत समिति होगी। नई बनने वाली ५ पंचायत समितियों चामू, आऊ, धवा, केरु और घंटियाली में प्रधान पद के लिए दोनों दलों के दावेदार अभी से अपने पक्ष के समीकरण जमाने में जुटे हुए हैं।
भाजपा-कांग्रेस दोनों के सामने कड़ी चुनौती

गत पंचायत समिति चुनावों में भाजपा का दबदबा रहा था। सोलह में से १५ प्रधान भाजपा के चुने गए थे। जबकि कांग्रेस सिर्फ बावड़ी में अपना प्रधान बना सकी थी। इस बार भाजपा के सामने अपना प्रदर्शन दोहराने एेसे में बीजेपी के सामने अपना प्रदर्शन दोहराने तो कांग्रेस के सामने खोई हुई जमीन हथियाने की चुनौती बनी हुई है।
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