कक्षा नवीं की इतिहास की पुस्तक राजस्थान का स्वतंत्रता आंदोलन एवं शौर्य परंपरा के अध्याय संख्या 7 राजस्थान की शौर्य परम्परा में राजस्थान के परमवीर चक्र, महावीर चक्र, वीर चक्र, पुलवामा हमले में वीर शहीदों सहित कई अन्य बहादुरों की शौर्य गाथा का जिक्र किया गया है।
किताब के पेज संख्या 72 पर महावीर चक्र विजेताओं की शौर्य गाथा उनके फोटो सहित प्रकाशित की गई है, जिसमें सेखाला के शहीद सैनिक धोंकलसिंह का फोटो गायब है। पुस्तक में धोंकलसिंह का नाम ढोकलसिंह प्रकाशित है, वहीं उनके गांव का नाम सेखाला की जगह सेखला लिखा हुआ है।
उल्लेखनीय है कि राजपुताना राइफल्स के जाबांज सैनिक धोंकलसिंह 29 अप्रेल 1948 को कश्मीर के उरी क्षेत्र में तैनात से। उनकी टुकड़ी को उरी का मोर्चा कहलाने वाली नवाला पिकेट को दुश्मनों के कब्जे से छुड़ाने का आदेश मिला।
20 घंटे तक चले संघर्ष में दुश्मनों द्वारा बरसाई गई गोलियों और लगाई गई आग की परवाह किए बिना धोंकलसिंह आगे बढते रहे और ग्रेनेड से घायल होने के उपरांत भी उन्होंने पांच दुश्मनों को मार गिराया। इस हमले में वे शहीद हो गए। उन्हें मरणोपरांत महावीर चक्र दिया गया।
इनका कहना है वीर जाबांजों की बहादुरी की गाथाओं में त्रुटिपूर्ण पढ़ाना दुर्भाग्यपूर्ण है। शिक्षा विभाग अगले शिक्षा सत्र के लिए पुस्तक में धोंकलसिंह से संबंधित जानकारी को संशोधित करके सही प्रकाशित करावें, ताकि बच्चे वीराें की सटीक जानकारी पढ सकें।
पर्वतसिंह भूंगरा, संस्थापक वीर शहीद वेलफेयर संस्था नवीं कक्षा की पुस्तक में वीर शहीद धोंकलसिंह से संबंधित जानकारी त्रुटिपूर्ण छपने के बारे में जानकारी मिली है। अंग्रेजी से हिन्दी में अनुवाद करने के दौरान त्रुटि रह सकती है। शहीद की जानकारी में उचित संशोधन के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग को पत्र प्रेषित किया जाएगा।
भल्लूराम खीचड़, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक जोधपुर