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युवा किसान ने जैविक खाद व बूंद-बूंद सिंचाई सिस्टम को अपनाकर अर्जित की लाखों की आय

locationजोधपुरPublished: Sep 23, 2021 07:40:26 pm

– युवा किसान ने खेती के आधुनिक एवं उन्नत तरीको को अपनाया- प्रतिवर्ष खेती से कमा रहा 30 लाख

युवा किसान ने जैविक खाद व बूंद-बूंद सिंचाई सिस्टम को अपनाकर अर्जित की लाखों की आय

युवा किसान ने जैविक खाद व बूंद-बूंद सिंचाई सिस्टम को अपनाकर अर्जित की लाखों की आय

जोधपुर. पीपाड़ सिटी उपखंड क्षेत्र के एक युवा ने आधुनिक खेती के उन्नत तरीको के साथ जैविक खेती को अपनाकर खेती के प्रति युवाओं का नजरिया ही बदल दिया है। 12 वीं तक पढ़ा यह युवा अब खेती से सालाना 30 लाख की आय उपार्जित कर रहा है। पीपाड़ से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित छोटे से गांव जालिवाड़ा खुर्द के 28 वर्षीय प्रगतिशील किसान प्रेमसिंह सांखला ने अन्य किसानों के समक्ष बेहतरीन उदाहरण पेश किए है। सांखला ने तीन वर्ष पूर्व 3.75 बीघा में दो पॉलीहाउस का निर्माण करवाया। मध्यप्रदेश के कामगारों द्वारा 30 लाख में पॉलीहाउस तैयार हुआ।
सांखला इनमें बूंद बूंद सिंचाई सिस्टम एवं जैविक पद्दति से सब्जियां उगाना शुरू किया। इसके साथ ही 5 हजार वर्ग मीटर में नेट हाउस में विभिन्न किस्मों के पौधे भी तैयार करवाए जाते है। जल संरक्षण को महत्त्व देते हुए पॉलीहाउस के नजदीक डिग्गियों का निर्माण करवाया गया है। पॉलीहाउस पर गिरने वाला बरसाती पानी इन डिग्गियों में संचित कर इसका उपयोग ड्रिप सिस्टम के माध्यम से सिंचाई में किया जाता है। क्षेत्र में अधिकतर जगहों पर भूमिगत जल लवणीय होने के कारण सब्जियां आदि उगा पाना किसी सपने से कम नही था। सांखला ने इन चुनोतियो को बखूबी रूप से स्वीकार कर खेती के उन्नत तरीको से उनका तोड़ निकाल लिया। कुछ वर्ष पूर्व नजदीक में एक कुआ भी खुदवाया गया जहां पर मीठा पानी मिला है। उस कुवे को बरसात के दिनों में खेत के पानी से रिचार्ज करने में भी सांखला की तकनीक सराहनीय है। वर्तमान समय मे कई युवा जहां खेती से दूर रहकर अन्य काम की तलाश में दूसरे राज्यो में में मजबूर है वही प्रगतिशील युवा किसान ने अब युवाओं का नजरिया बदल दिया है।
जोधपुर तक जाते हैं खीरा और टमाटर
सांखला ने बताया कि पॉलीहाउस में वर्षभर में खीरा और टमाटर की दो बार फसलें ली जाती है। पांच माह में एक फसल तैयार होती है उसके उपरांत एक माह तक पॉलीहाउस को सूखने के लिए छोड़ दिया जाता है। इसी अनुरूप अगली प्रक्रिया दोहराई जाती है। पॉलीहाउस के आधे भाग में टमाटर तथा आधे में खीरा उत्पादन होता है। जैविक तरीके से उगाई सब्जियों की मांग वर्षभर बनी रहती है। इसके साथ ही यहां उत्पादित सब्जियां जोधपुर मंडी व्यापारियों में विशेष स्थान रखती है।
पॉलीहाउस के बाहरी भूमि पर भी सब्जियों का ढेर
पॉलीहाउस के अलावा सांखला बाहरी खेतो में भी जैविक खेती करते है। वर्मी कंपोस्ट खाद के माध्यम से वे भूमि को उपजाऊ बनाकर उसमें बैंगन एवं मिर्च की उन्नत फसलें तैयार करते है। पेस्टिसाइड का उपयोग ना करके इसमें भी जैविक कीटनाशक का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा मक्की,गुलाब, गन्ने,सागवान,केला,पपीता की कई किस्मे भी इस फार्म हाउस की शोभा बढ़ा रहे है।

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