दरअसल प्रदेश सरकार ने इसी महीने 15 जून को तबादला नीति की मंजूरी दी है। उसके तहत 15 जून से 30 जून के बीच उन अधिकारियों व कर्मचारियों का तबादला किया जाना है, जो एक जिले में कम से कम तीन साल से जमे हैं या फिर उन्हें उसी मंडल में सेवा करते हुए सात साल का समय हो चुका है। ऐसे में यहां सभी विभागों में इस दायरे में आने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों की लिस्ट बनने लगी है। सबसे ज्यादा असर स्वास्थ्य महकमे पर पड़ता दिख रहा है। यहां अलग-अलग अस्पतालों में करीब 163 डॉक्टर तैनात हैं। उनमें से 64 डॉक्टर ऐसे हैं जिनका यहां तीन साल या उससे ज्यादा का सेवाकाल पूरा हो चुका है। ऐसे सभी डॉक्टरों की लिस्ट शासन को भेज दी गई है। 30 जून के बाद वहां से तबादला की जद में आने वाले डॉक्टरों की लिस्ट जारी होगी।
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यूपी में 27 से 30 जून के बीच पॉलीटेक्निक प्रवेश परीक्षा, नई गाइडलाइन जारी 15 से 20 साल से डटे हैं कई डॉक्टर हालांकि शासन ने एक जिले में तीन साल और उसी मंडल में सात साल की तैनाती पर ही तबादला की नीति तैयार की है। हैरानी यह है कि यहां ऐसे कई डॉक्टर हैं जो यहीं सेवा में रहते हुए न सिर्फ मंडल में तैनाती की समय-सीमा पूरी कर चुके हैं, बल्कि उनकी तैनाती को 15 से 20 साल हो चुका है। इसमें जिला अस्पताल से लेकर सीएमओ कार्यालय में अलग-अलग पद पर तैनात डॉक्टर भी शामिल हैं।
जिला अस्पताल बनने से पहले हुई थी तैनाती जिला अस्पताल को बने हुए एक दशक से ज्यादा का समय हो चुका है। यहां कई ऐसे डॉक्टर तैनात हैं, जो जिला अस्पताल की स्थापना से ही यहां तैनात हैं। वह पहले यहां शहर के विनोद दीक्षित अस्पताल में तैनात रहे। जिला अस्पताल बनने पर वहां शिफ्ट किया गया। दो डॉक्टरों को तो 20 साल से भी ज्यादा का समय हो चुका है। उन्होंने अपनी नौकरी की शुरुआत ही यहीं से की। हालांकि अब उनका प्रमोशन हो गया है। वह पहले से ही तबादला के दायरे में आ चुके हैं।
आएंगे नए डॉक्टर सीएमओ डॉ विनोद कुमार के अनुसार तबादला नीति के तहत यहां तैनात डॉक्टरों की लिस्ट शासन को भेज दी गई है। वहीं से तय होगा कि कितने डॉक्टरों का तबादला किया जाएगा। यहां से भेजी गई लिस्ट का शासन में पहले अध्ययन होगा। बदले में यहां भी नए डॉक्टर आएंगे। नीति के तहत कुछ ही डॉक्टर तबादला के दायरे में आएंगे।