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अमित शाह के इस प्लॉन में सपा-बसपा फंसी, 10 सीटों पर कमल खिलाएंगे यह महारथी

कानपुर-बुंदेलखंड में अनुसूचित जनमोर्चा के सदस्यों को दी गई जिम्मेदारी, दलितों के घर-घर जाकर पार्टी से जोटेगी विंग

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अमित शाह के इस प्लॉन में सपा-बसपा फंसी, 10 सीटों पर कमल खिलाएंगे यह महारथी

कानपुर। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह लोकसभा चुनाव फतह करने के लिए यूपी की जमीन में उतर चुके हैं। बुधवार को जहां मिर्जापुर में बूथ प्रमुखों और विस्तारकों के साथ बैठक मंत्री, सांसद व विधाकयों के काम-काज का लेखा-जोखा जाना तो वहीं बनारस में आईसी सेल के सदस्यों को सोशल मीडिया के पाठ पढ़ाया। साथ ही कानपुर-बुंदेलखंड के किले को बचाने के लिए एक दलित नेताओं की पूरी टीम बनाने का आदेश दिया। जिसके बाद बीजेपी अनुसूचित मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कौशल किशोर ने 22 सदस्यीय टीम का गठन कर उन्हें दलित वोटर्स को भाजपा के पाले में लाने की जिम्मेदारी देकर गांव, गली, मोहल्लों और बस्तियों में जाकर पीएम मोदी और सीएम योगी सरकार कर योजनाओं की जानकारी के साथ ही मायावती और अखिलेश यादव की पोल खोलने का आदेश दिया है।
22 दलित नेताओं को मिली जिम्मेदारी
2019 का आम चुनाव नजदीक आते देखकर केन्द्र और उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ भाजपा सरकार दलितों को अपने पाले में लाने के लिए जुट गयी है। वह इलाकाई और राष्ट्रीय पार्टियों के गठबंधन के वोट काटने के लिए जुगत भिड़ा रही है। इसी के चलते राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बीजेपी अनुसूचित मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कौशल किशोर को आदेश दिया है कि वो यूपी के सभी छह प्रान्तों में दलित नेताओं की एक टीम बनाएं, जो सभी विधानसभा क्षेत्रों में जाकर दलित मतदाताओं के बीच जाकर पीएम मोदी-सीएम योगी के कार्यो की जानकारी दें, तो वहीं मायावती के कार्यकाल की पोल खोलें। अमित शाह का आदेश मिलते ही कौशल किशोर ने कानपुर-बुंदेलखंड के 17 जिलों 10 लोकसभा सीटों के लिए 22 सदस्यीय टीम गठित कर दी। इस विंग की कमान, कोक्षाध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महामंत्री, मंत्री, मीडिया प्रभारी व सदस्य दलित समाज के नेताओं के हाथों में होगी। इन्हें जिले के संगठन के बजाए सीधे प्रदेश कार्यालय से जोड़ा गया है।
यह लगाएंगे नैया पार
कानपुर-बुंदेलखं डमें दलित मतदाताओं पर पैठ बनाने के लिए कौशल किशोर ने झांसी में रमेश श्रीवास को उपाध्यक्ष, फतेहपुर में रामसजीवन कोरी को उपाध्यक्ष, अजय भारती को कन्नौज जिले का उपाध्यक्ष, हरिचरण अनुरागी को हमीरपुर जिले का उपाध्यक्ष, अमर सिंह खटिक फर्रूखाबाद जिले का उपाध्यक्ष राजेद्र वर्मा को जालौन का उपाध्यक्ष, भगवानदास वर्मा को झांसी महानगर का महामंत्री, भरत लाल कोटार्य को बांदा का मंत्री, सुमित सरोज को कानपुर उत्तर का मंत्री, महेंद्र कोटार्य को चित्रकूट का मंत्री, गीता सागर को बांदा का मंत्री, रेखा वर्मा जालौन का मंत्री, मोहित सोनकर को कानपुर दक्षिण का मंत्री,आसकरन संखवार को कानपुर देहात को कोक्षाध्यक्ष रविशंकर हवेलकर को कानपुर उत्तर का मंत्री, जयनरायण कुरील को कानपुर का मीडिया प्रभारी दिनेश सुदर्शन कानपुर से सदस्य, मोनू वाल्यमीकि सदस्य ललितपुर, अनूप जाटव, इटावा सदस्य, राकेश रत्नाकर सउस्य झांसी, जयनारायण कुरील कानपुर दक्षिण सदस्य, भईया लाल दिवाकर को इटवा का सदस्य बनाया गया है।
तैयार करेंगे जमीन, भेजेंगे इनपुट
जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव- 2019 नजदीक आ रहा है, गांव, गरीब, किसान, दलितों और पिछड़ों की चर्चा बढ़ रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने अति पिछड़ों, अति दलितों को ओबीसी आरक्षण में अलग से कोटा देने का वादा किया है तो एससी-एसटी एक्ट को निष्प्रभावी बनाने के विरोध में एनडीए के दलित सांसद पीएम मोदी से मिल चुके हैं। वहीं अब बीजेपी संगठन में ज्यादा से ज्यादा दलित समाज से आने वाले नेताओं को शामिल कर उन्हें जिम्मेदारी दे रही है। बीजेपी अनुसूचित मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कौशल किशोर ने बताया कि कानपुर-बुंदेलखं डमें दलित बिंग पूरी तरह से तैयार कर दी गई है और टीम को जमीन में उतर जाने के आदेश दे दिए गए हैं। हर सदस्य के काम बांटे गए हैं। सभी सदस्य हरदिन की रिपोर्ट प्रदेश कार्यालय भेजेंगे, यहां से उसे सीधे पार्टी हाईकमान के पास भेज दिया जाएगा। कौशल किशोर ने कहा कि मायावती ने दलितों के वोटों की सौदेबाजी कर अपनी तिजोरी भरी। पांच साल सत्ता में रहने के बाद भी उन्होंने दलितों का विकास नहीं किया। अब कुर्सी के चलते गेस्टहाउस कांड के आरोपियों के साथ चुनाव के मैदान में उतर रही हैं।
दलितों को जोड़ने के लिए कसी कमर
दरअसल, गोरखपुर व फूलपुर उपचुनाव के बाद सपा-बसपा गठबंधन ने राजनीति का एजेंडा बदल दिया है। दलित व पिछड़े सियासत का केंद्र बिंदु बन गए हैं। इसी के चलते बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के जन्मदिवस के सवा सौ साल पूरे होने के मौके पर मोदी सरकार ने देश भर में कार्यक्रम आयोजित किए थे। बाबा साहब की जिंदगी से जुड़े हुए सभी स्थलों को तीर्थ स्थल और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए सरकार ने प्रयास भी किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा है कि बाबा साहब की विरासत का राजनीतिकरण करने में सभी दल लगे हुए हैं. लेकिन, जितना सम्मान हमने बाबा साहब का सम्मान जितना उनकी सरकार में हुआ, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। मोदी सरकार पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाकर बैकफुट पर धकेला जा रहा है। लेकिन, अब सरकार भी पूरी तैयारी में है। दलित समुदाय को अपने साथ जोड़ने की कोशिश में अब बीजेपी संगठन में ज्यादा से ज्यादा दलित नेताओं के हाथों में बागडोर सौंप रही है।