बड़े पैमाने पर होता इस्तेमाल
चुनाव के दौरान कालेधन का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर होता है। वोटों की खरीद फरोख्त के अलावा शराब व अन्य तरीकों से वोटरों को खुश करने के लिए पैसे का इस्तेमाल होता है। इसके लिए चुनाव से पहले ही बड़ी मात्रा में कैश इधर से उधर किया जाता है और सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचा दिया जाता है जिसका चुनाव के दौरान प्रयोग होता है। इस बार भी चुनाव से पहले बड़े कैश के लेनदेन पर आयकर विभाग ने नजरें टिका ली हैं।
चुनाव के दौरान कालेधन का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर होता है। वोटों की खरीद फरोख्त के अलावा शराब व अन्य तरीकों से वोटरों को खुश करने के लिए पैसे का इस्तेमाल होता है। इसके लिए चुनाव से पहले ही बड़ी मात्रा में कैश इधर से उधर किया जाता है और सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचा दिया जाता है जिसका चुनाव के दौरान प्रयोग होता है। इस बार भी चुनाव से पहले बड़े कैश के लेनदेन पर आयकर विभाग ने नजरें टिका ली हैं।
जांच का तरीका बताया
सिविल लाइंस स्थित कार्यालय में अफसरों के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता प्रधान आयकर निदेशक अमरेंद्र कुमार ने बताया कि चुनावी नकदी पकड़े जाने पर किस तरह से जांच की जाए। उन्होंने बताया कि १० लाख रुपए से अधिक की रकम बरामद होने पर सभी विभागों के लिए आयकर विभाग को सूचना देना जरूरी है।
आयकर विभाग के नंबर
चुनाव में कालाधन रोकने के लिए आयकर विभाग के लखनऊ कंट्रोल रूम पर १८००१८०६५५५, देहरादून कंट्रोल रूम पर १८००१८०४१५४ और १८००१८०४२२७ और व्हाट्सएप नंबर ९३६८१४१३०२ पर जानकारी दी जा सकती है।
चुनाव में कालाधन रोकने के लिए आयकर विभाग के लखनऊ कंट्रोल रूम पर १८००१८०६५५५, देहरादून कंट्रोल रूम पर १८००१८०४१५४ और १८००१८०४२२७ और व्हाट्सएप नंबर ९३६८१४१३०२ पर जानकारी दी जा सकती है।
बेनामी संपत्तियों की दें जानकारी
अफसरों को बताया गया कि सर्च और सर्वे के दौरान अगर कहीं पर भी ज्यादा संपत्तियां मिलें तो उसकी सूचना बेनामी विंग या जांच विंग को दी जानी चाहिए। अगर संपत्तियां सही भी हों तो बेनामी विंग से जांच कराकर संतुष्टि की जानी चाहिए।
अफसरों को बताया गया कि सर्च और सर्वे के दौरान अगर कहीं पर भी ज्यादा संपत्तियां मिलें तो उसकी सूचना बेनामी विंग या जांच विंग को दी जानी चाहिए। अगर संपत्तियां सही भी हों तो बेनामी विंग से जांच कराकर संतुष्टि की जानी चाहिए।
पिछला रिटर्न चेक करें
यह भी बताया गया कि जब किसी कंपनी या फर्म का रिटर्न चेक किया जा रहा हो तो पिछले वर्ष का रिटर्न भी उसी समय देख लेना चाहिए। इस दौरान कर निर्धारण करते समय कैश और कैपिटल गेन में होने वाली गड़बडिय़ों की भी जानकारी दी।
यह भी बताया गया कि जब किसी कंपनी या फर्म का रिटर्न चेक किया जा रहा हो तो पिछले वर्ष का रिटर्न भी उसी समय देख लेना चाहिए। इस दौरान कर निर्धारण करते समय कैश और कैपिटल गेन में होने वाली गड़बडिय़ों की भी जानकारी दी।