
RBI Cancelled Peoples co-operative Bank license know reasons
पीपुल्स कोऑपरेटिव बैंक, जिसे मार्च में रिजर्व बैंक यानी कि rbi ने बंद कर दिया। 12 मई 2020 पीपुल्स कोऑपरेटिव बैंक ने द्वारा ये निर्देश जारी किए गए कि बैंक के पास कैश न होने की वजह से ऑनलाइन पेमेंट, आरटीजीएस, एनईएफटी पर भी रोक लगाई जा रही। इस निर्देश के बाद लोगों की बड़ी-बड़ी लाइनें बैंक के बाहर जमा होने लगीं। लोग अपने पैसे निकालने के लिए बैंक के चक्कर काट रहे थे, लेकिन बैंक RBI का अप्रूवल न मिलने का हवाला देकर उन्हें लौटा रहा था। बैंक में लगे ताले को अब भी तमाम खाताधारक पहुंच रहे हैं। बैंक की तरफ फैसले का इंतजार कर रहे। बीते दिनों आरबीआई ने बैंक का लाइसेंस भी निरस्त कर दिया।
बैंक में 4139 लोगों के 9.62 करोड़ रुपए जमा हैं। ये पैसे कब मिलेंगे किसी को नहीं पता। बैंक खाताधारक देविका मुखर्जी बताती हैं कि उनके खाते में करीब 45 लाख रुपए जमा थे। शुरुआत में मात्र ढ़ाई लाख रुपए बैंक की तरफ से मिला। आज तक अभी बैंक की तरफ से कई नोटिफिकेशन नहीं मिल रहा है। ऐसे में खाताधारकों में हल चल बनी हुई है। हाल ये है कि रोजोना लोग बैंक देखने पहुंच रहे हैं कि आखिर पैसा मिलेगा भी या नहीं। लेकिन आरबीआई के अनुसार बैंक की वसूली राशि प्राप्ति हुई, इसे बैंक खाताधारकों की कुछ धनराशि दी सकती है।
RBI ने इसलिए निरस्त किया लाइसेंस
बैंक की एनपीए दर ठीक नहीं थी।
बैंक के दिवालिया होने का डर था।
बैंक बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट के नियमों का पालन नहीं कर रहा।
बैंक की हालत ऐसी नहीं थी कि वो ग्राहकों को पूरा पैसा लौटा सके।
DICGC नियम को सरकार की मंजूरी
बैंक की साथ सेवाएं बंद हो चुकी थी। सैकड़ों लोगों का पैसा महीनों से अटका था। तब RBI के एक ऐलान से लोगों ने राहत की सांस ली। RBI ने कहा, "बैंक के हर डिपॉजिटर को DICGC एक्ट, 1961 के प्रावधानों के तहत DICGC से 5 लाख रुपए तक की जमा राशि दी जाएगी। इसमें 99% खाताधारकों की पूरी रकम जारी होगी।" जुलाई 2021 में केंद्र सरकार ने एक बिल को मंजूरी दी, नाम था DICGC Amendment Bill। बिल के तहत 5 लाख रुपए तक की रकम का पेमेंट होता है।
आरबीआई का मानना बैंक की न तो कमाई और न वसूली
आरबीआई ने 21 मार्च, 2022 को कानपुर के पीपुल्स कोऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया था। आरबीआई के चीफ जनरल मैनेजर योगेश दयाल का कहना है कि बैंक को आगे काम जारी रखने की इजाजत नहीं दी जा सकती थी, क्योंकि इससे खाताधारकों का नुकसान होगा। बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं और ना ही कमाई का कोई जरिया दिख रहा था। बताया कि लोन अमाउंट न रिकवर होने की वजह से बैंक के करीब 10 करोड़ रुपए डूब गए। अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक केवल 18 लाख 57 हजार रुपए ही वसूले जा सके हैं।
Updated on:
24 Apr 2022 12:45 pm
Published on:
24 Apr 2022 12:01 pm
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