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आईआईटी कानपुर ने तैयार किया ऐसा सॉफ्मोटवेयर, ऐप से तलाशे जाएंगे डिस्लेक्सिया पीड़ित छात्र

आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) के विशेषज्ञ शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सॉफ्टवेयर और ऐप से डिस्लेक्सिया के छात्र खोजेंगे

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आईआईटी कानपुर ने तैयार किया ऐसा सॉफ्मोटवेयर, ऐप से तलाशे जाएंगे डिस्लेक्सिया पीड़ित छात्र

आईआईटी कानपुर ने तैयार किया ऐसा सॉफ्मोटवेयर, ऐप से तलाशे जाएंगे डिस्लेक्सिया पीड़ित छात्र

कानपुर. आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) के विशेषज्ञ शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सॉफ्टवेयर और ऐप से डिस्लेक्सिया के छात्र खोजेंगे। सीएसआर फंड और निजी कंपनी के सहयोग से चलाए जाने वाले इस अभियान में कानपुर देहात, कन्नौज, उन्नाव तक टीम जाएगी और करीब 10 हजार छात्रों को परीक्षित करेगी। संस्थान के ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज के विभागाध्यक्ष प्रो. ब्रजभूषण और उनकी टीम ने पिछले साल जनवरी में ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया था, जिससे पांच से 10 साल तक के बच्चों को उनकी लिखावट के आधार पर डिस्लेक्सिया की पहचान करने में आसानी होती है। शहर के कई स्कूलों के छात्रों पर जब इसका परीक्षण किया गया तो 64 छात्र इस समस्या से ग्रसित पाए गए।

काले रंग से पहचानें अक्षर

इस ऐप में सबसे पहले स्क्रीन पर काले रंग का अक्षर बना नजर आता है, जबकि उसके बगल में ही दो रंगबिरंगे डॉट्स बने रहते हैं। छात्र को उसी डॉट्स की मदद से अक्षर बनाना होता है। अगर अक्षर सही बना तो काले अक्षर का रंग बदलकर पीला हो जाता है। दूसरे चरण में छात्र को जिगजैग पजल्स दिए जाते हैं, जबकि तीसरे चरण में उसे शब्द और मात्रा की पहचान करनी होती है।

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