उन्होंने कहा कि इनकी पत्नी बीमार हैं, इसलिए उनके इलाज के लिए वह भूमि बेचना चाहते हैं। उनकी बात पर विश्वास करने के बाद जब प्रार्थना पत्र दिया तो लेखपाल द्वारा पता चला कि भूमि किसी और की है। अजित सिंह के मुताबिक इसके बाद उन्होंने गांव में आरोपितों की जानकारी खंगाली तो जानकारी मिली कि ये लोग आपराधिक प्रवृत्ति के लोग हैं। इससे अजीत के होश उड़ गए। परेशान होकर अजीत सिंह ने थाने में तहरीर दी, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद न्याय पाने के लिए डीआइजी दफ्तर में गुहार लगाई। कोतवाली थाना प्रभारी संजीवकांत मिश्र ने बताया कि उच्चाधिकारियों के आदेश पर धोखाधड़ी, जालसाजी आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। दस्तावेजों की जांच के बाद आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई होगी।