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बिकरू कांड में ढेर अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को मिली जमानत

बिकरू कांड में आरोपी अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है।

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बहुचर्चित बिकरू कांड एनकाउंटर में ढेर अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। कोर्ट ने कहा, “बिकरू कांड के समय खुशी नाबालिग थीं। अब उन्हें जेल में रखने की जरूरत नहीं है।”

यूपी सरकार ने दिया बयान
खुशी दुबे की जमानत पर यूपी सरकार ने अपना बयान दिया है। यूपी सरकार ने बताया कि जेल से आई रिपोर्ट के मुताबिक खुशी का व्यवहार दूसरे कैदियों के साथ अच्छा नहीं था। उसने दूसरे कैदियों के साथ झगडे किए थे । यूपी सरकार के मुताबिक, खुशी गिरोह को फिर से सक्रिय कर सकती हैं।

बिकरू केस में शुरू हुआ ट्रायल
सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि अब इस केस में ट्रायल शुरू हो गया है। इस वजह से उसे जेल में रखने की जरूरत नहीं है। साथ में सुप्रीम कोर्ट ने खुशी को हर हफ्ते पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करने के लिए कहा है। कोर्ट ने सेशन कोर्ट को खुशी की जमानत के लिए शर्तें तय करने का भी निर्देश दिया है।

मुठभेड़ में 8 पुलिसकर्मीयों की हो गई थी मौत
2 जुलाई 2022 को कानपुर में विकास दुबे और उसके गैंग का पुलिसकर्मियों के साथ मुठभेड़ हो गई। इसमें आठ पुलिसकर्मियों की मृत्यु हो गई जिनमें एक पुलिस सब इंस्पेक्टर भी शामिल थे। साथ में गैंगस्टर विकास दुबे भी मारा गया। घटना के बाद विकास दुबे का भतीजा और राइट हैंड कहा जाने वाला अमर दुबे फरार हो गया था। लेकिन 8 जुलाई 2020 को हमीरपुर के मौदाहा में एसटीएफ ने अमर दुबे को एनकाउंटर में मार दिया था।

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घटना के समय नाबालिग थी खुशी
29 जून 2020 को अमर दुबे की शादी खुशी दुबे से हुई थी। शादी के सिर्फ तीन दिन बाद 2 जुलाई 2020 को बिकरू कांड हुआ था। शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के आधार पर खुशी दुबे घटना के वक्त नाबालिग थी। उस समय वह सिर्फ 16 साल की थीं। पुलिस ने बिकरू कांड में खुशी को भी आरोपी बनाया था। खुशी दुबे पर फर्जी सिम रखने के मामले में केस दर्ज किया गया था।


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