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बागवानी के प्रति बढ़ा किसानों का रुझान

locationकरौलीPublished: Aug 04, 2021 11:59:51 am

Submitted by:

Anil dattatrey

Farmers’ interest in horticulture increasedअमरुद के पौधे रोप खेतों में तैयार कर रहे बाग

बागवानी के प्रति बढ़ा किसानों का रुझान

श्रीमहावीरजी. गांव अकबरपुर में खेत में अमरुद के पौधे रोपता किसान।

श्रीमहावीरजी/हिण्डौनसिटी.
क्षेत्र में किसानों का परंपरागत फसलों की खेती के साथ बागवानी के प्रति रुझान बढ़ रहा है। इसके लिए किसान खेतों में अमरुद के पौधे रोप कर बगीचे तैयार कर रहे हैं। फलों की बागवानी मेंं ज्यादा आय और सरकार से ज्यादा अनुदान मिलने से किसान फसली खेती से ज्यादा उद्यानिकी पर जोर दे रहे हैं।
बीते कई सालो से हिण्डौन उपखण्ड क्षेत्र के गांवों में कई एकड़ क्षेत्र में अमरूद सहित कई प्रकार के फलों के बाग लगाए जा चुके हैं। बारिश की कमी और परम्परागत फसलों में घट रहे उत्पादन के चलते किसानों ने बागवानी करना शुरू कर दिया है।
रबी व खरीफ की पैदावार घाटे का सौदा-
रबी की फसल चना, गेहूं, सरसों के साथ-साथ खरीफ की फसलों ग्वार, बाजरा सहित अन्य फसलों से किसानों को पहले की तुलना में ज्यादा मुनाफा नहीं मिल पा रहा है। एक तरह से कई फसलों में लागत की तुलना में कम उपज होने से घाटा भी झेलना पड़ता है।

किसानों को भा रही बागवानी-
अकबरपुर गांव के किसान रामस्वरूप पमड़ी बताते हैं कि बागवानी कर परंपरागत फसलों से ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है। सालों तक परंपरागत फसलों की खेती की, लेकिन बचत नहीं होती थी। जिसके बाद बागवानी में 2 बीघा भूमि पर अमरूद के पौधे लगाए हैं,जिसमे आगामी 2 वर्ष बाद अच्छी कमाई होने की उम्मीद है । अमरूद के बागवानी के लिए ख्यात सवाईमाधोपुर के नर्सरी संचालन मुरारी मीना ने बताया कि वे अब तक हजारों हेक्टेयर भूमि में बगीचे लगा चुके हैं। गांवों में पहले धान और गेहूं की खेती करते थे, जिसमें पानी अधिक जरुरत के साथ अन्य खर्चे भी बहुत थे। कम खर्च में एक बीघा अमरूद से 1 से 2 लाख रुपए की कमाई की जा सकती हैं। बागवानी में में ड्रिप सिस्टम से सिंचाई करने पर पानी की बचत के साथ मेहनत भी कम होती है। बागवानी विभाग भी ड्रिप सिंचाई के लिए किसानों को अनुदान भी दिया जाता है। जिससे किसानों को ज्यादा खर्च भी नहीं उठाना पड़ता है।
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