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कैसे होगी हरियाण,पंजाब और राजस्थान में पानी की हिस्सेदारी

राजस्थान को भाखड़ा से पानी दिया तो हरियाणा का हिस्सा कम होगा, पंजाब के साथ सहमति बने या न बने लेकिन हरियाणा को उसके हिस्से का पानी हर हाल में चाहिए।  

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चंडीगढ़। पंजाब के साथ छिड़े एसवाईएल विवाद पर नार्थ जोन कौंसिल की बैठक में लंबी चर्चा के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने साफ कर दिया है कि पंजाब के साथ सहमति बने या न बने लेकिन हरियाणा को उसके हिस्से का पानी हर हाल में चाहिए। पानी के मामले में लंबे समय से हरियाणा वासियों के हितों की अनदेखी हो रही है।

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा एसवाईएल पर दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को कहा कि हरियाणा में इस समय मांग के मुकाबले 40 प्रतिशत कम पानी मिल रहा है। पानी के साधन बढ़ाने के साथ-साथ इसके सही वितरण को सुनिश्चत करना जरूरी है। मनोहर लाल ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को इस मुद्दे पर राजनीतिक से उपर उठकर फैसला लेने की सलाह भी दी।

सीएम ने कहा कि आज हरियाणा द्वारा दिल्ली को समझौते से हटकर तीन क्यूसिक अतिरिक्त पानी दिया जा रहा है। राजस्थान को अगर भाखड़ा लाइन से पानी दिया जाता है कि हरियाणा के हिस्से में और कटौती होगी। हरियाणा अगर दिल्ली की पानी सप्लाई कम करता है तो यह दिल्ली वासियों के साथ अन्याय होगा। निकट भविष्य में केंद्र द्वारा बुलाई जाने वाली जल वितरण बैठक में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री राजनीतिक की बजाए जनता के हितों को आधार बनाकर जल वितरण पर सहमति दें।