15 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

हरियाणा विधानसभा में इंडियन नेशनल लोकदल के सदस्यों की संख्या पर उठाया गया सवाल

स्पीकर ने कहा कि उनके पास कोई औपचारिक सूचना नहीं कि इनेलो के कितने विधायकों ने दल को छोड़ा है और कौनसी पार्टी ज्वाइन की है...  

2 min read
Google source verification

(चंडीगढ,करनाल): हरियाणा विधानसभा में गुरूवार को इंडियन नेशनल लोकदल के सदस्यों की संख्या का सवाल उठाया गया। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने सवाल कर दिया कि इनकी सदस्य संख्या क्या है? पूछा जाए। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा कि पार्टी में बिखराव आ गया है, इसलिए नेता प्रतिपक्ष के लिए फिर से मतदान करवाया जाए।

सदन में इंडियन नेशनल लोकदल की डबवाली से विधायक नैना चौटाला ने कह दिया था कि उन्होंने नई पार्टी बना ली है। इस चर्चा के दौरान स्पीकर ने कहा कि नई पार्टी के साथ इंडियन नेशनल लोकदल के विधायकों के चले जाने के बारे में उनके पास कोई औपचारिक सूचना नहीं है।

इंडियन नेशनल लोकदल में विभाजन के बाद नई पार्टी जननायक जनता पार्टी का गठन किया गया है। इंडियन नेशनल लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के बडे पुत्र अजय सिंह चौटाला ने अपने छोटे भाई अभय सिंह चौटाला से नाराज होकर जननायक जनता पार्टी का गठन किया है। ओमप्रकाश चौटाला ने इससे पहले अजय सिंह चौटाला, उनके पुत्र हिसार से सांसद दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय चौटाला को पार्टी से निकाल दिया था। राजनीतिक परिवार में हुए इस विभाजन के चलते जननायक जनता पार्टी का गठन किया गया। इसके साथ ही इंडियन नेशनल लोकदल के तीन विधायक जननायक जनता पार्टी के समर्थन में चले गए।


विधानसभा का कार्यकाल केवल सात महीने में होगा खत्म

इसके अलावा इंडियन नेशनल लोकदल के दो विधायकों का निधन हो गया। अब सदन में कांग्रेस और इंडियन नेशनल लोकदल के सदस्यों की संख्या बराबर 17-17 है। जननायक जनता पार्टी को समर्थन दे रहे तीन विधायकों ने औपचारिक रूप से इंडियन नेशनल लोकदल से अलग होने की सूचना स्पीकर को नहीं दी है। ऐसे में इंडियन नेशनल लोकदल का मुख्य विपक्षी दल का दर्जा बरकरार है। इंडियन नेशनल लोकदल के प्रवक्ता प्रवीण अत्रे ने इस स्थिति पर कहा कि अब फैसला स्पीकर को करना है। बहरहाल विधानसभा का कार्यकाल मात्र सात माह बचा है। ऐसे में नेता प्रतिपक्ष का पद लेने में कांग्रेस की दिलचस्पी तो कम ही रहेगी।