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धान पंजीयन घोटाला: भाई की करतूत में फंसी बहन, ऑपरेटर सहित चार पर एफआईआर दर्ज

कुठला पुलिस ने चार आरोपियों के खिलाफ दर्ज की एफआईआर, शासन को लगाया था 9.47 लाख का चूना

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कटनी

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Balmeek Pandey

Dec 20, 2025

Investigation into illegal transportation of paddy

Investigation into illegal transportation of paddy

कटनी. खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में रीठी तहसील में धान के फर्जी पंजीयन का बड़ा मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी रीठी प्रियंका सोनी की शिकायत पर कुठला पुलिस ने आरोपी मीराबाई पति गुलाब सिंह, सम्पत अग्रवाल, रंजना अग्रवाल व कंप्यूटर ऑपरेटर प्रीतम सिंह लोधी पर प्रकरण दर्ज किया है। आरोपी सम्पत की बहन मीराबाई है।
जानकारी के अनुसार जिला प्रशासन द्वारा धान पंजीयन की जांच कराई गई थी। जांच में पाया गया कि ग्राम निटर्रा निवासी मीराबाई पति गुलाब सिंह के दर्ज पंजीयन क्रमांक 226424000047 में न सिर्फ उनका रकबा दर्ज है, बल्कि रीठी के कई अन्य ग्रामों की ‘मीराबाई’ नामक भू-स्वामियों की जमीनें भी जोड़ दी गईं। कुल कुल 19.37 हेक्टेयर का फर्जी रकबा दर्ज किया गया। 40 खसरे में से 20 खसरे तहसीलदार संदीप सिंह ठाकुर ने सत्यापित किए। 12 खसरे नायब तहसीलदार इसरार खान ने सत्यापित किए। नियमों के विरुद्ध सत्यापन, जिससे अधिकारियों की लापरवाही स्पष्ट हुई और यह फर्जीवाड़ा सामने आया।
फर्जी पंजीयन और लेन-देन का खुलासाजानकारी के अनुसार फर्जी पंजीयन से 412 क्विंटल धान की बिक्री हुई थी। पंजीयन क्रमांक 226424000047 से 412 क्विंटल धान का विक्रय किया गया। बैंक खाते में 9 लाख 47 हजार 599 की राशि जमा हुई। इसी खाते से रंजना अग्रवाल के खाते में 1 लाख 53 हजार ट्रांसफर किए गए। 3, 4 और 6 जनवरी 2025 को 2-2 लाख रुपए नकद आहरित किए गए। इन वित्तीय लेन-देन में मीराबाई पत्नी विनोद कुमार, सम्पत अग्रवाल, रंजना अग्रवाल की संलिप्तता स्पष्ट पाई गई।

कंप्यूटर ऑपरेटर की यह रही भूमिका

सहकारी विपणन संस्था मर्यादित घंटाघर के कंप्यूटर ऑपरेटर प्रीतम सिंह लोधी ने मात्र आवेदन के आधार पर पंजीयन कर दिया गया। एक ही नाम की कई महिलाओं के खसरे जोड़ दिए। बिना सत्यापन दस्तावेजों के पंजीयन प्रक्रियाएं पूरी कीं। सम्पत अग्रवाल ही पंजीयन कराने के लिए केंद्र में पहुंचा था।

जिले में अबतक 1 लाख 32 हजार मीट्रिक टन की खरीदी

जिले में 1 दिसंबर से समर्थन मूल्य पर शुरू हुये धान उपार्जन में बुधवार 17 दिसंबर तक कुल 14 हजार 918 कृषकों से अब तक 1 लाख 32 हजार 283 मीट्रिक टन धान का उपार्जन किया जा चुका है। जिले में अब तक 48 हजार 734 कृषकों द्वारा स्लॉट की बुकिंग की जा चुकी है तथा 67 हजार 707 मीट्रिक टन के स्वीकृति पत्रक भी जारी किये जा चुके है। सा?थ ही अब तक कृषकों को उपार्जित धान का 59.63 रुपए का भुगतान भी किया जा चुका है।

धान उपार्जन में बहोरीबंद अग्रणी

जिले में अब तक समर्थन मूल्य पर हुए धान उपार्जन के मामले में तहसील बहोरीबंद अग्रणी है। यहां अब तक की स्थिति में कुल 2814 किसानों से 26 हजार 262 मीट्रिक टन धान का उपार्जन किया जा चुका है। जबकि दूसरे नंबर पर तहसील ढ़ीमरखेड़ा में 3054 किसानों से 21 हजार 920 मीट्रिक टन धान समर्थन मूल्य पर उपार्जित की जा चुकी है। इसी प्रकार बड़वारा तहसील में अब तक 2363 किसानों से 19 हजार 742 मीट्रिक टन धान उपार्जित की गई है। जबकि विजयराघवगढ़ तहसील में 1821 कृषकों से 15 हजार 820 मीट्रिक टन धान उपार्जित की जा चुकी है। रीठी तहसील में अब तक की स्थिति में 1426 किसानों से 14 हजार 274 मीट्रिक टन धान उपार्जित की गई है। वहीं बरही तहसील में 1232 किसानों से 12 हजार 506 मीट्रिक टन धान उपार्जित की जा चुकी है। इसके अलावा कटनी ग्रामीण एवं नगर तहसील में 1112 किसानों से 11 हजार 20 मीट्रिक टन धान तथा स्लीमनाबाद तहसील में 1096 किसानों से 10 हजार 739 मीट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है।