इओडब्ल्यू की टीम पहुंची नगर निगम, मांगे अनुबंध सहित भुगतान के दस्तावेज, दो दिन का दिया समयनगर निगम व एमएसडब्ल्यू की मिलीभगत से भ्रष्टाचार किए जाने की तीन माह पहले हुई थी आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो में शिकायत
कटनी. शहर में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण, परिवहन व प्रशंसकरण सहिन निष्पादन के लिए नगर निगम द्वारा 2015 से एमएसडब्ल्यू प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को काम दिया गया है। कंपनी और नगर निगम के अफसरों द्वारा मिलीभगत कर बड़े भ्रष्टाचार किए जाने की शिकायत आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (इओडब्ल्यू) के पास शिकायत पहुंची है, जिसकी जांच शुरू हो गई है। इओडब्ल्यू के निरीक्षक सहित टीम मंगलवार को नगर निगम पहुंची। निरीक्षक मुकेश खंपरिया नगर निगम पहुंचे। जांच के संबंध में आयुक्त विनोद शुक्ला से चर्चा की। एमएसडब्ल्यू कंपनी से किए गए अनुबंध व अबतक हुए भुगतान सहित अन्य आवश्यक दस्तावेज मांगे हैं। दस्तावेज देने के लिए दो दिन का समय दिया गया है। इओडब्ल्यू की जांच शुरू होने से नगर निगम के अफसरों में हडक़ंप मच गया है।
तीन माह पहले हुई थी शिकायत
आर्थिक अपराध ब्यूरो को शिकायत तीन माह पहले पार्षद मिथलेश जैन ने की थी। शिकायत में बताया गया था कि नगर निगम ने एमएसडब्ल्यू प्राइवेट लिमिटेड घर-घर कचरा एकत्रिकरण, परिवहन, प्रशंसकरण व निष्पाद करने 1890 रुपए प्रति टन का अनुबंध किया था। कंपनी और नगर निगम के अफसर व्यापक पैमान पर गड़बड़ी कर माला माल हो रहे हैं। कंपनी द्वारा अनुबंध अनुसार काम नहीं कर रही है। इसको लेकर जांच की मांग की गई है। अनुबंध का उल्लंघन करते हुए धारा 420, 467, 468, 471, भारतीय दंड विधान एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज करते हुए कार्रवाई की जाए। फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर आर्थिक लाभ लेने का भी आरोप लगाया गया है। घर-घर कचरा संग्रहण नहीं हो रहा, बिल भी नहीं दिए जा रहे और संपत्तिकर के माध्यम से नगर निगम कंपनी का बिल वसूल कर रही है।
नियम विरुद्ध बना दिया डंप प्वाइंट
एमएसडब्ल्यू को हर 6 साल में नए वाहन खरीदने हैं। आठ साल में नहीं बदले गए, यह लाभ लिया जा रहा है। दुगाड़ी नाला के पास बने ट्रांसफर स्टेशन पर कोई कचरा डंप नहीं किया जा सकता, यहां पर कचरे का एकत्रिकरण किया जा रहा है। यह जमीन योजना क्रमांक दो की आवासी जमीन है। उस जमीन को नगर निगम समक्ष स्वीकृति के बिना एमएसडब्ल्यू को व्यवसायिक प्रयोजन के लिए दे दिया गया है। इसकी फाइल भी नगर निगम से गायब करने का आरोप मिथलेश जैन ने लगाया है। कचरा दान लगाने थे, लेकिन नगर निगम ने नहीं लगाए, कचरे का प्रशंसकर व निस्तारण किया जाना था वह नहीं किया, तो अमीरगंज में ढाई से तीन लाख टन कचरा इक_ा हो गया है। वहां पर वायु व जल प्रदूषण बढ़ रहा है।
मलबे का हो रहा भुगतान
आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में हुई शिकायत में मिथलेश जैन ने कहा कि एमएसडब्ल्यू कपंनी को काम देने की योजना का मूल उद्देश्य था कि घरों से कचरा उठाव, परिवहन, प्रशंसकरण व निस्तारण करना था, बिल देकर कंपनी पूरा भुगतान ले रही है। कचरे की कम और मलबे की तौल ज्यादा हो रही है। जबकि कचरे का पैसा देना है। नगर निगम के अफसरों और कंपनी की मिलीभगत से बड़े भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। मिथलेश जैन ने कहा कि परिषद में भी इस मुद्दे को रखा गया। इसकी जांच के लिए एक कमेटी भी बनी, लेकिन सार्थक परिणाम सामने नहीं आए। कोई कार्रवाई नहीं हुई, विवश होकर इओडब्ल्यू में शिकायत करनी पड़ी है।
दो माह पहले दिया था नोटिस
जानकारी के अनुसार दो माह पहले इओडब्ल्यू ने नगर निगम को नोटिस भेजा था। कचरा संग्रहण करने वाली कंपनी से संबंधित दस्तावेज मांग थे, लेकिन नगर निगम द्वारा दस्तावेज मुहैया नहीं कराए गए थे। जब नगर निगम ने नोटिस का जवाब नहीं दिया और दस्तावेज मुहैया नहीं कराए तो इओडब्ल्यू निरीक्षक मंगलवार को जांच करने के लिए पहुंचे।
वर्जन
नगर निगम से अनुबंधित कंपनी एमएसडब्ल्यू द्वारा अनुबंध शर्तों का पालन न करने व भ्रष्टाचार की शिकायत प्राप्त हुई है। उस संबंध में जांच की जा रही है। नगर निगम से आवश्यक दस्तावेज मांगे गए हैं। दो दिन का समय दिया गया है। जांच रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मुकेश खंपरिया, निरीक्षक इओडब्ल्यू।