24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

आपका सारथी कौन: ऑटो चालकों की होगी अपनी पहचान, क्यूआर कोड ने यात्री देंगे फीडबैक, होगा सुरक्षित सफर

अभियान के तहत 37 ऑटो में लगाए गए डाटा बेस स्टीकर, एसपी ने ऑटो-ई रिक्शा चालकों को दी यातायात नियमों के पालन की दी हिदायत, मुख्य रेलवे स्टेशन जंक्शन में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

3 min read
Google source verification

कटनी

image

Balmeek Pandey

Dec 22, 2025

Katni traffic

Katni traffic

कटनी। शहर की लगातार बिगड़ती यातायात व्यवस्था को सुधारने और आम नागरिकों को राहत दिलाने के लिए पुलिस ने ऑटो व ई-रिक्शा चालकों के खिलाफ सख्त लेकिन व्यवस्थित पहल शुरू की है। यात्रियों से अभद्रता, मनमाना किराया वसूली और यातायात नियमों के खुले उल्लंघन की लगातार मिल रही शिकायतों को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने इस दिशा में निर्णायक कदम उठाया है। इसी क्रम में रविवार को मुख्य रेलवे स्टेशन जंक्शन पर एक विशेष जागरूकता एवं सत्यापन कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें 37 ऑटो में चालकों का डाटा बेस स्टीकर लगाया गया और सभी चालकों को यातायात नियमों का पालन करने की हिदायत दी गई।p

वीडियो देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें


कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पुलिस अधीक्षक अभिनय विश्वकर्मा ने कहा कि शहर में पंजीकृत लगभग 7500 ऑटो और ई-रिक्शा वाहनों के चालकों का चरणबद्ध तरीके से पुलिस वेरिफिकेशन कराया जा रहा है। इस प्रक्रिया के तहत प्रत्येक वाहन पर एक विशेष स्टीकर लगाया जा रहा है, जिसमें चालक का नाम, मोबाइल नंबर, वाहन का पंजीयन नंबर और पुलिस संपर्क से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दर्ज होगी। इससे यात्रियों को सुरक्षा का भरोसा मिलेगा और किसी भी तरह की शिकायत की स्थिति में चालक तक तुरंत पहुंचा जा सकेगा। एसपी ने कहा कि यह पहल केवल दंडात्मक नहीं है, बल्कि सुधार और प्रोत्साहन पर आधारित है। जो ऑटो चालक नियमित रूप से यातायात नियमों का पालन करेंगे, यात्रियों के साथ अच्छा व्यवहार करेंगे और सुरक्षित ड्राइविंग करेंगे, उन्हें प्रेरणा स्वरूप सम्मानित भी किया जाएगा। इससे अन्य चालकों को भी नियमों का पालन करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।

यूनिफार्म और नाम प्लेट अनिवार्य

एसपी ने कहा कि अब ऑटो और ई-रिक्शा चालकों के लिए यूनिफॉर्म पहनना और नाम प्लेट लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ चालकों की पहचान आसान होगी, बल्कि उनमें जिम्मेदारी की भावना भी विकसित होगी। चालकों को चेतावनी देते हुए कहा कि यातायात नियमों का उल्लंघन, नशे की हालत में वाहन चलाना, यात्रियों से दुव्र्यवहार या तय से अधिक किराया वसूलने पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

अबतक 750 फार्म वितरण हुए

यातायात पुलिस द्वारा अब तक इस अभियान के तहत 750 फॉर्म वितरित किए जा चुके हैं, जिनमें से 70 ऑटो चालकों ने अपने दस्तावेज जमा कर प्रक्रिया पूरी कर ली है। रविवार को सत्यापन पूर्ण कर चुके 35 ऑटो में मौके पर ही डाटा बेस स्टीकर लगाए गए। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आने वाले दिनों में यह संख्या तेजी से बढ़ाई जाएगी और सभी पंजीकृत ऑटो व ई-रिक्शा इस व्यवस्था के दायरे में लाए जाएंगे। कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष डेहरिया, यातायात थाना प्रभारी राहुल पांडे, जीआरपी टीआई एलपी कश्यप, आरपीएफ प्रभारी वीरेंद्र सिंह सहित बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।

पत्रिका ने उठाया था मुद्दा

उल्लेखनीय है कि शहर में अराजक यातायात व्यवस्था और ऑटो चालकों की मनमानी को लेकर पत्रिका द्वारा लगातार खबरें प्रकाशित की गई थीं। इन खबरों में आम नागरिकों की परेशानी को प्रमुखता से उठाया गया था। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए यह व्यापक अभियान शुरू किया, जिसका असर अब जमीनी स्तर पर दिखाई देने लगा है। पुलिस की इस पहल से न केवल यातायात व्यवस्था में सुधार की उम्मीद जगी है, बल्कि यात्रियों में भी सुरक्षा और विश्वास का भाव मजबूत हुआ है।