ये आई विसंगति
बता दें कि अक्टूबर 2020 में 271 शिक्षकों की क्रमोन्नति के लिए फाइल जिला पंचायत सीइओ जगदीशचंद्र गोमे के पास भजी गई थी, इसमें एक शिक्षकों को छोड़कर सभी अपात्र पाए गए थे। सीआर में गड़बड़ी थी। द्वितीय मतांकन नहीं था। इसमें अधिकतम तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी के द्वितीय मतांकन नहीं थे। 2016-17, 2017-18 अवधि के प्रकरण अधिक थे। इसमें 15 दिवस के अंतर त्रुटि को ठीक करना था, लेकिन एक साल में भी जिपं व शिक्षा विभाग के अफसर प्रक्रिया पूरी नहीं करा पाए। बता दें कि शिक्षकों को द्वितीय और तृतीय क्रमोन्नति का लाभ मिलना है। बता दें कि डीपीसी समिति बनी थी, इसमें कलेक्टर अध्यक्ष थे, लेकिन सीइओ को नोडल अधिकारी बनाया गया। सीइओ ने जांच कराई तो कई आपत्तियां निकलकर आईं। सीइओ के पास अनुमोदन के लिए फाइल पड़ी हुई है।
आंदोलन की दी चेतावनी
क्रमोन्नति सूची महीनों से लंबित होने व डीईओ और जिला पंचायत के बीच लटकी हुई है। जिसके तत्काल अनुमोदन कर जारी किए जाने को लेकर अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने कलेक्टर को मांग की है। मोर्चा संस्थापक सरमन तिवारी और जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र त्रिपाठी ने कहा है कि बेवजह आपत्तियां लगाकर सूची लटकाने और शिक्षकों को परेशान करने का खेल चल रहा है। संगठनों के अनेको बार ज्ञापन देने के बाद भी मामले को गम्भीरता से निराकरण नही किया गया है। अगर शीघ्र सूची जारी नहीं कि गई तो संयुक्त मोर्चा 5 सितंबर से कलेक्ट्रेट के सामने धरना देने के लिए बाध्य होगा।
इनका कहना है
क्रमोन्नति को लेकर जो भी समस्या है उसे शीघ्र दूर करते हुए शिक्षकों को लाभ दिलाया जाएगा। इस संबंध में विभागीय अधिकारियों से चर्चा की जाएगी।
प्रियंक मिश्रा, कलेक्टर।