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कटनी

पांच साल में हुआ लाखों का राशन घोटाला, आठ साल बाद भी पूरी नहीं हुई जांच, विधानसभा में फिर उछला मुद्दा

– जिले में साल 2007 से 12 के बीच हुआ राशन घोटाले का मामला एक बार फिर विधानसभा में गूंजा। मुड़वारा विधायक संदीप जायसवाल ने विधानसभा में इस मुद्ददे को रखा।
– जिसके जवाब में खाद्य मंत्री प्रद्युमन सिंह ने कहा कि जांच जारी है, जांच पूरी होने के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया। कटनी जिले के छह ब्लॉकों 2007 से 2012 तक सभी राशन दुकानों में बीपीएल, अंत्योदय एवं सामान्य कार्ड में राशन और कैरोसिन का वितरण किया गया था।
– यह सब मैनुअली चल रहा था। इन सात वर्षों में उपभोक्ताओं की संख्या मान से अधिक राशन उचित मूल्यों की दुकानों में जाता था।

कटनीJul 13, 2019 / 11:14 am

balmeek pandey

MP Vidhansabha

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कटनी. जिले में साल 2007 से 12 के बीच हुआ राशन घोटाले का मामला एक बार फिर विधानसभा में गूंजा। मुड़वारा विधायक संदीप जायसवाल ने विधानसभा में इस मुद्ददे को रखा। जिसके जवाब में खाद्य मंत्री प्रद्युमन सिंह ने कहा कि जांच जारी है, जांच पूरी होने के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया। कटनी जिले के छह ब्लॉकों 2007 से 2012 तक सभी राशन दुकानों में बीपीएल, अंत्योदय एवं सामान्य कार्ड में राशन और कैरोसिन का वितरण किया गया था। यह सब मैनुअली चल रहा था। इन सात वर्षों में उपभोक्ताओं की संख्या मान से अधिक राशन उचित मूल्यों की दुकानों में जाता था। 2012 में यह मामला एक शिकायत के बाद उजागर हुआ और खाद्य विभाग का फर्जीवाड़ा निकलकर सामने आया था। बहोरीबंद से विधायक रहे निशिथ पटेल ने 2012 में विधानसभा प्रश्न लगाया। जिसमें व्यापक मनमानी पाई गई थी।

एडीएम ने भी की थी जांच
तत्कालीन एडीएम दिनेश श्रीवास्तव द्वारा जांच की गई थी। जिसमें गड़बड़ी निकलकर सामने आई। वहीं इस मामले में जिला आपूर्ति नियंत्रक जबलपुर द्वारा एक ही अधिकारी से तीन बार जांच कराई गई। एक जांच में गड़बड़ी मिली, दो जांच में गड़बड़ी नहीं मिली। जबलपुर आपूर्ति नियंत्रक ज्योति शाह नरवरिया और एमएल चौरसिया सहायक आपूर्ति अधिकारी दमोह को फिर जांच सौंपी गई थी। इस जांच में विधायक मोती कश्यप ने पत्र लिखा कि एमएल चौरसिया पूर्व में यहां पर पदस्थ रहे हैं, जिससे जांच प्रभावित होगी, इन्हें हटा दिया जाए और फिर उन्हें जांच से हटा दिया गया। इसके बाद जांच में आवंटन की जानकारी मांगी गई, लेकिन कटनी खाद्य विभाग द्वारा कई दस्तावेज नहीं दिए गए। जो दस्तावेज ज्योति शाह को मिले थे उनमें से 60 लाख रुपये से अधिक का अपयोजन कई ब्लॉकों में पाया गया था। इसके बाद मामला आयोग खाद्य विभाग के पास पहुंचा।

 

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2018 में फिर जांच, लेकिन नतीजा सिफर
इसके बाद अभव्यावेदन कमिश्नर फूड को प्रस्तुत किया गया और 2018 में फिर से जांच शुरू कराई गई। इस पूरे मामले में छह बार जांच हुई और न तो मामले को उजागर किया गया और न ही कार्रवाई की गई। बुधवार को फिर से विस में मामला उठा। वहीं अपात्र परिवारों को भी काफी समय तक राशन जारी करने का मामला भी गूंजा।

 

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प्याज घोटाला भी रहा सुर्खियों में
विधानसभा में विधायक संदीप जायसवाल ने प्याज घोटाले का मामला भी उठाया। मप्र सिविल सप्लाई कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा कटनी में 2017-18 में प्याज भंडारण लेकर हुई गड़बड़ी का मामला उठाया। शासन को हुई राशि की क्षति व कार्रवाई की जानकारी चाही गई। इसमें खाद्य मंत्री ने जवाब में कहा कि मप्र सिविल सप्लाई कार्पोरेशन के शाखा प्रबंधक मप्र वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन कटनी की कमी पाई गई है, हानि हुई है, जिसकी जांच अभी जारी है।

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