20 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

रेत खदान लाइसेंस मामले में एमपी ने क्यों अपनाया छत्तीसगढ़ का नियम

माइनिंग प्लान के लिए अब नहीं लगानी पड़ेगी राजधानी की दौड़, खनिज अधिकारी की अनुशंसा पर कलेक्टर स्वीकृत करेंगे माइनिंग प्लान

2 min read
Google source verification
mining mafia attack on forest ranger

mining mafia attack on forest ranger

कटनी. रेत खदान संचालन के लिए माइनिंग प्लान स्वीकृत करवाने के लिए अब खनिज विभाग का रीजनल कार्यालय या राजधानी स्थित डायरेक्टर माइनिंग कार्यालय तक दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। जिला स्तर पर जियोलॉजी में स्नात्कोत्तर पास खनिज निरीक्षक या अधिकारी हैं तो खनिज विभाग प्रमुख की अनुशंसा पर कलेक्टर ही रेत खदान का माइनिंग प्लान स्वीकृत कर देंगे। यह नियम छत्तीसगढ़ में पहले से चल रहा है, वहां बेहतर परिणाम आने के बाद अब मध्यप्रदेश में लागू किया गया है।
छत्तीसगढ़ का नियम एमपी में अपनाने को लेकर कहा जा रहा है कि यहां रेत खनन माफिया के मामले में सरकार की किरकिरी के बाद नये प्रयोग अपनाये जा रहे हैं। माइनिंग प्लान जिलास्तर पर पास करवाना इसी का उदाहरण है। राज्य सरकार द्वारा रेत नीति में किये गए इस बदलाव का सीधा फायदा जिले के उन पंचायतों को मिलेगा जो इस बार रेत खदान संचालन के लिए आवेदन किये हैं।
इधर रेत नीति में सरकार द्वारा नियम बदलने के बाद अब रेत खदान संचालन के लिए पंचायतें आगे आ रहीं हैं। अब तक 20 से ज्यादा आवेदन खनिज विभाग में आ चुके हैं। जिले में जिस गांव के समीप से महानदी व अन्य नदी निकली है, और वहां थोड़ी भी रेत है तो पंचायतें खदान संचालन के लिए आवेदन कर रहे हैं। बीते वर्ष तक 7 खदानें पहले से पंचायतें चला रहीं थी और माइनिंग कार्पोरेशन के पास 7 खदानें हैं। नए आवेदनों को मिलाकर अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल जिलेभर में 30 से ज्यादा रेत खदानें होंगी जिसका सीधा फायदा रेत उपभोक्ताओं को मिलेगा। रेत सस्ती मिलेगी।
नई रेत नीति में रेत से सरकार को मिलने वाली रायल्टी के बटवारे में भी बदलाव किया गया है। रेत पर प्रतिघनमीटर 125 रुपये की रायल्टी निर्धारित की गई है। इसमें 50 रुपये खनिज विकास निधि, 50 रुपये संबंधित ग्राम पंचायत और 25 रुपये स्टेट माइनिंग कार्पोरेशन को दी जाएगी। रेत में अब खनिज विभाग को सीधे रायल्टी नहीं मिलेगी।
खनिज विभाग की उपसंचालक दीपमाला तिवारी के अनुसार रेत खदान संचालन के लिए 20 से ज्यादा आवेदन पंचायतों के आ चुके हैं। खदान स्वीकृत करने से पहले देखा जाएगा कि रेत का पर्याप्त स्टॉक है या नहीं। 8 खदानों की रिपोर्ट आ चुकी है। रेत से मिलने वाली रायल्टी तीन हिस्सोंं में विभाजित होगी।