
योजना अनुरूप नहीं हो पा रही महिलाओं की एनीमिया जांच
कवर्धा. एनीमिया जांच मुहिम को तीन चरणों में बांटा गया है। पहला चरण 15 जून से 30 जून तक सम्पन्न हुआ, जिसमें स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से फिसड्डी साबित हो गया। कुल लक्ष्य 4 लाख 23 हजार 77 महिलाओं, किशोरियों और बच्चियों में हीमोग्लोबिन की जांच का लक्ष्य था। इसमें मात्र 1 लाख 78 हजार 2०6 लोगों का ही जांच किया जा सका। जबकि २ लाख ४४ हजार ८७१ महिलाएं, किशोरिएं और बच्चियां छूट गए। इसके बाद ढ़ाई माह तक अभियान ठंडा पड़ा रहा। अब इसकी पूर्ति के लिए फिर से 18 सितंबर से दूसरे चरण की शुरुआत की गई।
11 ग्राम से अधिक हिमोग्लोबिन
एक सामान्य व्यक्ति के शरीर में 11 ग्राम या इससे अधिक हिमोग्लोबिन होना चाहिए। 11 से 9 ग्राम वालों को माइनर एनिमिक माना जाता है और साधारण देखभाल व खान पान ठीक करके इसे ठीक किया जा सकता है। 9 ग्राम से कम हीमोग्लोबिन होने पर चिकित्सक की परामर्श में रहकर आयरन, फ ोलिक एसिड की टेबलेट भोजन के बाद अनिवार्य जोड़ा जाता है। इसके अलावा सीवियर एनिमिक का चिन्हांकन कर उन्हें स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती कर चिकित्सकों की निगरानी में आयरन इंजेक्शन व अन्य आवश्यक उपचार भी कराया जाएगा।
केवल निभा रहे औपचारिकता
महिलाओं में हीमोग्लोबिन की जांच के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर सरलता से उपलब्ध आयरनयुक्त खाद्य सामग्रियों के संबंध में परामर्श भी दिया जाए, जिससे लोग अपने आहार में इन्हें जोड़ सकें और उन्हें स्थायी लाभ मिल सके। लेकिन अधिकतर केंद्रों में जांच के दौरान इनकी जानकारी नहीं दी जा रही है। जल्दबाजी में जांच किया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक जांच हो सके और लक्ष्य की पूर्ति हो।
काउंसलिंग जरूरी
कलेक्टर ने स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि स्वास्थ्य टीम की ओर से लोगों का हीमोग्लोबिन जांच के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर सरलता से उपलब्ध आयरनयुक्त खाद्य सामग्रियों के संबंध में परामर्श भी दिया जाए, जिससे लोग अपने आहार में इन्हें जोड़ सकें और उन्हें स्थायी लाभ मिल सके। मुनगा की सब्जी व भाजी, गुड़ चना आदि आसानी से कम कीमत में उपलब्ध होने वाले आहार हैं इनके जैसे आहारों की सूची देकर काउंसलिंग जरूरी है।
महिलाओं में हीमोग्लोबिन की कमी
पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में हीमोग्लोबिन कम होने के अनेक कारण हैं जैसे माहवारी में गड़बड़ी, अबार्शन, गर्भधारण आदि शारीरिक कारणों के साथ-साथ सामाजिक वजह भी है। प्राय: महिलाएं सबको खाना खिलाने के बाद सबसे आखिर में भोजन करती हैं जिससे पर्याप्त मात्रा में सब्जी आदि आवश्यक भोजन की जगह बचा-खुचा या बासी भोजन महिलाओं को मिल पाता है। महिलाओं की ओर से अपने खानपान पर पर्याप्त ध्यान भी नहीं दिया जाता है। जबकि महिलाओं को सुबह सबसे पहले नाश्ता करना चाहिए। अधिक मात्रा में हरी व ताजा सब्जी का सेवन करना चाहिए।
Published on:
21 Sept 2022 09:47 pm
बड़ी खबरें
View Allकवर्धा
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
