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सरपंच का तालीबानी फरमान.. गांव के 7 परिवारों का बंद कराया हुक्कापानी, तोड़ने पर कठोर दंड

CG News: छत्तीसगढ़ के कवर्धा में एक सरपंच ने गांव 7 परिवारों का हुक्कापानी बंद कर दिया है। उसके तालीबानी फरमान जारी होने से गांव में खलबली मच गई..

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सरपंच ने गांव 7 परिवारों का हुक्कापानी बंद कर दिया है ( Photo - Patrika )

CG News: देश के हरियाणा-यूपी जैसे राज्यों में एक समय खाप पंचायतों का खौफ था, जहां पंचायतों द्वारा किसी के भी खिलाफ तालीबानी फरमान सुना दिया जाता था। वैसी ही कुछ स्थिति कबीरधाम में भी देखी जा रही है। जहां सरपंच ने 7 परिवारों को हुक्कापानी, बोलचाल बंद करा दिया है। पीड़ित ने मामले की शिकायत एसपी-कलेक्टर से की है।

CG News: कोई नहीं कर सकता बात

दरअसल ये पूरा मामला सहसपुर लोहारा विकासखंड अंर्तगत सिंघनगढ़ पंचायत का है। वहां रहने वाले भगवानी पिता लखेराम साहू, घासीराम पिता समारू निषाद, संतोष पिता सोनूराम गुप्ता, पवन पिता बिसउहा साहू, हेमकुमार पिता पुनउराम साहू और शत्रुहन पिता दुकला साहू का गांव के रहने वाले व वर्तमान सरंपच खिलावन पिता फूलसिंह साहू ने गांव में उनका हुक्कापानी बंद करा दिया है। गांव में न उनसे कोई बात करता न किसी दुकान में सामान मिलता है। गाय चराने वाला यादव आता है, नाई बाल-दाढ़ी नहीं बनाता है।

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लगेगा 1 हजार रुपए अर्थदंड

सात लोगों के परिवार वालों से कोई बात करे या सामान दे तो एक हजार रुपए का अर्थदंड वसूलने का फ रमान जारी किया है। गांव सिंघनगढ़ में रहने वाले इन 7 परिवार के सदस्यों ने मामले की शिकायत कलेक्टर व एसपी से कर जांच की मांग की है। साथ ही खाप पंचायत की तरह फरमान जारी करने वाले सरपंच के खिलाफ भी पद से हटाने की कार्रवाई की जानी चाहिए। जो कैसे किसी भी व्यक्ति के लिए इस तरह का फरमान जारी कर सकता है।

पुरानी दुश्मनी की आड़ में

शिकायतकर्ताओं ने बताया कि सरपंच ने पुरानी दुश्मनी निकालने के लिए आयुर्वेद फार्मासिस्ट विद्यासिंह धुर्वे की शिकायत को बहाना बनाकर ये फरमान जारी किया है। जबकि जिसकी शिकायत की गई है उसे लापरवाह बताया गया है। चुनाव में पार्टी विशेष के लिए काम करता है। बावजूद इसके सरपंच उसका साथ देते हुए गांववालों के खिलाफ ही काम कर रहा है। तुगलकी फ रमान से परेशान होकर पीड़ितों ने लिखित आवेदन एसपी-कलेक्टर से की है, जिसमें कार्रवाई की मांग की गई है।

राजनीतिक बदला ले रहे

बताया कि सरपंच कांग्रेसी विचारधारा का व्यक्ति है। बाकी सब भाजपा से जुड़े हुए है। पदाधिकारी, सांसद प्रतिनिधि भी है, जिसके कारण वह राजनीतिक बदला लेने के लिए उनका चिन्हांकित कर सामाजिक बहिष्कार कराया है, जो कानून की नजर में भी सही नहीं है, जबकि सरपंच ने अपने पंचायत का सील व साईन कर खाप पंचायत की तरह फरमान जारी कर गांव में उनका हुक्कापानी बंद कराया है, जिस पर कार्रवाई की मांग की गई है।