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700 से अधिक शासकीय स्कूल जर्जर और मरम्मत योग्य

जिले के 700 से अधिक शासकीय प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक, हाईस्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूल जर्जर हो चुके हैं जिसमें मरम्मत की जरूरत है। इसके लिए वित्तीय वर्ष से लगातार मरम्मत की मांग की जा रही है। इसमें अब जाकर स्वीकृति की आस दिखाई दे रही है। लेकिन अभी इसमें विभागों से निरीक्षण कराकर प्रस्ताव भेजा जाना है जिसके बाद राशि जारी होने की उम्मीद है।

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700 से अधिक शासकीय स्कूल जर्जर और मरम्मत योग्य

700 से अधिक शासकीय स्कूल जर्जर और मरम्मत योग्य

कवर्धा. कबीरधाम जिले में कुल 1606 शासकीय प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक, हाईस्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूल है। इसमें से 700 से अधिक स्कूल, वहां के शौचालय, कीचन शेड मरम्मत योग्य है। पूर्व में 300 की सूची शिक्षा विभाग द्वार उच्च कार्यालय भेजा गया, लेकिन तीन माह से लगातार हुई बारिश से और भी स्कूल भवन जर्जर हो गए। इसके चलते मरम्मत योग्य स्कूल की सूची में बढ़ोतरी हो गई। अब तक 700 से अधिक स्कूल की सूची उच्च कार्यालय को भेजा जा चुका है। लेकिन मुख्य समस्या सामने है कि छत के ब्लास्टर गिर रहे हैं। बारिश होते ही छत से पानी टपकने लगता है। कक्षा में सीलन आ जाती है। मरम्मत के बाद ही इससे राहत मिल सकती है।
छतों की मरम्मत आवश्यक
शासकीय स्कूल में अभी सबसे अधिक परेशानी छत की मरम्मत को लेकर है। क्योंकि लगातार बारिश के चलते सैकड़ों छतों से पानी टपकने लगा। वहीं सीलन से भी पानी रिसने लगता है। इसके चलते कक्षाओं में पानी भर जाता है। चूंकि बच्चे जमीन पर ही बैठते हैं तो उनके लिए जगह नहीं होती। ऐसे में पढ़ाई भी प्रभावित होती है।

शौचालय भी जर्जर
इसके अलावा स्कूल के शौचालय भी जर्जर हो चुके हैं। कई स्कूल के बच्चे खुले में शौच के लिए जाते हैं। कई स्कूल में तो शिक्षकों के शौचालय का उपयोग बच्चे कर रहे हैं। कई स्कूल में सफाई पर ध्यान नहीं दिया जाता, जिसके कारण बेहद खराब स्थिति में ही है। बालक, बालिका और दिव्यांग के लिए अलग-अलग शौचालय होने चाहिए, लेकिन अभी अधिकतर स्कूल में एक ही उपयोग के लायक है।
हर ब्लॉक में मरम्मत योग्य स्कूल
कवर्धा ब्लॉक के ही 200 शासकीय प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक, हाईस्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूल की सूची बनाई गई है। इसमें स्कूल भवन, छत, दीवार, खिडक़ी, फर्स, शौचालय, कीचन शेड, अतिरिक्त कक्ष, अहाता, फ्लोरिंग तक मरम्मत योग्य हो चुका है। इसके लिए स्कूल के प्रधानपाठक और प्राचार्यों द्वारा मरम्मत की मांग की गई है। इसी तरह से सभी ब्लॉक से सूची तैयार कर ऑनलाइन एंट्री की जा चुकी है।

एक कील के लिए भी शासन से राशि मिले
शासकीय स्कूल की हालत काफी खराब है। कई स्कूल में पंखे तक नहीं है इसके लिए भी स्कूल स्टॉफ शासन की ओर से मुंह ताकते हैं। जबकि इसकी पूर्ति वह स्वयं भी कर सकते हैं क्योंकि क्लास तो उन्हें भी लेनी है, लेकिन नहीं। बिजली के बोर्ड से एक कील भी निकल जाए तो उसके लिए भी शासन से राशि का इंतजार किया जाता है।
वर्सन..
जिले में अभी करीब 700 स्कूल मरम्मत योग्य है। पूर्व में 300 मरम्मत योग्य स्कूल की सूची उच्च कार्यालय का भेजा गया था। इसके बाद और सूची मांगी गई तो लगातार स्कूल से जानकारी लेकर सूची भेज जा रही है। अभी राशि स्वीकृत नहीं हो सकी है। जैसे ही राशि स्वीकृत होती है स्कूल में मरम्मत कार्य कराया जाएगा।
एमके गुप्ता, जिला शिक्षा अधिकारी, कबीरधाम