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सुदूर गांव अब भी विकास से कोसो दूर

जिले के वनांचल क्षेत्र के गांवों में रहने वाले लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। गांव तक पहुंचने के लिए न तो सडक़ है न पानी की सुविधा सही है। स्कूल, आंगनबाड़ी भवन तो ही नहीं। ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि बैगा और आदिवासी परिवार वनांचल में किन कठिनाईयों व अभाव के बीच जीवन यापन कर रहे होंगे।

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सुदूर गांव अब भी विकास से कोसो दूर

सुदूर गांव अब भी विकास से कोसो दूर

कवर्धा. इन तस्वीरों को देखकर आपको लग रहा होगा कि ये किसी गांव के आउटर का रास्ता होगा, जिसमें कभी कभार ही लोग चलते होंगे। लेकिन यह आम रास्ता जिससे सुबह से रात तक लोगों का आवागमन होता है। बोड़ला विकासखंड के सुदूर वनांचल ग्राम पंचायत मुड़घुसरी मैदान के आश्रित बंजरिया टोला जाने है। सडक़ से गांव की दूरी चार किमी है, जहां तक केवल पैदल ही जाया जा सकता है। वहां 22 घर है, जहां पर 114 लोग रहते हैं। इनके लिए गांव तक पहुंचने के लिए रास्ता नहीं है। बरसात में यह गांव पूरी तह से कट जाता है। रास्ता ही नहीं है तो स्कूल, आंगनबाड़ी और स्वास्थ्य केन्द्र सहित अन्य सुविधाओं की बात करना ही बेमानी है।
खाट से उठाकर ले जाते हैं एंबुलेंस तक
गांव में रहने वाले लोगों ने बताया कि बंजरिया टोला बारिश के मौसम में किसी नरक से कम नहीं रहता है। यहां आने के लिए ग्राम पंचायत मुड़घुसरी से कच्चा रास्ता है। रास्ते में छोटे-बड़े नदी नाले पड़ते हैं, जो बारिश में पूरी तरह से इसे पंचायत से अलग कर देती है। किसी की तबीयत बिगड़ जाए, तो बड़े टोकरी या खाट में ले जाना पड़ता है, क्योंकि गांव तक एंबुलेंस तो दूर बाइक तक नहीं जा सकती।

गांव में एक भी पक्का मकान नहीं
आश्चर्य करेंगे कि बंजरिया टोला में 22 परिवार हैं जहां पर 114 लोग रहते हैं, लेकिन सभी घर कच्चे हैं। यहां पर एक भी पक्का मकान नहीं है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भी इनका नाम शासन तक पहुंचा है कि इन्हें आवास की जरूरत है। मुख्य रूप अधिकारी छोटे गांवों की ओर ध्यान ही नहीं देते वह केवल नगरीय निकाय और बड़े गांवों तक सीमित हो चुके हैं।
कई दर्जन गांव सुविधाविहीन
्रकेवल बंजरिया टोला ही मूलभूत सुविधा से वंचित है ऐसा नहीं है। बोड़ला व पंडरिया ब्लॉक में और भी कई गांव तक जहां तक पहुंचने के लिए पक्का मार्ग तो दूर मार्ग ही नहीं है। आवागमन के लिए ग्रामीणों के लिए आज भी पगडंडियों का सहारा है। पंडरिया ब्लॉक के ग्राम तीनगड्डा, अजवाइनबाह, सरहापथरा, सेजाडीह, बसूलालूट, ठेंगाटोला, छीरपानी, ढेपरापानी सहित कई गांव हैं जहां तक पहुंचने के लिए सडक़ नहीं कच्चा रास्ता व पगडंडी ही है।