क्या होता है पर्दे के पीछे
खंडवा.
जिंदगी में असफलताएं ही हैं जो नया मार्ग दिखाती हैं। वह ही हमें सफलता के रास्ते पर ले जाती है। आपने असफलता का स्वाद यदि नहीं चखा है तो सफलता का मजा भी आप नहीं ले सकते। यह बात सुप्रसिद्ध अभिनेता रघुवीर यादव ने रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्व कला एवं संस्कृति केंद्र भोपाल, सीवी रमन विवि खंडवा और वनमाली सृजन पीठ द्वारा आयोजित पुस्तक यात्रा के शुभारम्भ के अवसर पर कही। इसके बाद पुस्तक यात्रा को हरी झंडी देकर रवाना किया गया। यह यात्रा 19 सितंबर तक पुस्तक यात्रा विभिन्न शहरों और गांवों तक निकाली जाएगी। यात्रा के शुभारंभ से पूर्व अभिनेता यादव ने पुस्तक यात्रा से संबंधित पोस्टर और पुस्तिका का विमोचन भी किया।
शनिवार दोपहर अभिनेता रघुवीर यादव सीवी रमन विश्वविद्यालय में पहुंचे। उन्होंने यहां मां सरस्वती और वनमाली जी के चित्रों पर माल्यापर्ण कर दीप प्रज्जवलित किया। इस दौरान कुलपति अमिताभ सक्सेना, कुलसचिव रवि चतुर्वेदी और उपकुलसचिव लुकमान मसूद के साथ ही रघुवीर यादव ने पुस्तक यात्रा के पोस्टर का लोकापर्ण किया। इसके बाद अभिनेता यादव ने विद्यार्थियों से चर्चा भी की।
विनय उपाध्याय के सवालों को ठेठ जबलपुरिया अंदाज में जवाब
कार्यक्रम के दौरान सुप्रसिद्ध साहित्यकार, सूत्रधार विनय उपाध्याय से अपनी चिरपरिचित शैली में चर्चा की। उन्होंने अपने जीवन और रंगकर्म से जुड़ी यादों को साझा किया। उन्होंने विनय उपाध्याय के सवालों को अपने ठेठ जबलपुरिया अंदाज में जवाब दिए।
अभिनेता यादव ने बताई पर्दे के पीछे की बात
पुस्तक यात्रा के शुभारम्भ के लिए आए अभिनेता रघुवीर यादव से वनमाली सृजन पीठ के सदस्यों और आईसेक्ट के क्षेत्रीय कार्यालय के पदाधिकारियों ने भेंट की। यहां क्षेत्रीय प्रबंधक रक्षी मसूद ने उनका स्वागत किया। इस अवसर पर यादव ने मंच के नेपथ्य की महत्ता को समझाया। उन्होंने कहा कि पर्दे के पीछे का मंच आपने समझ लिया तो कैमरे के सामने का मंच आपको समझने में आसानी होती है।