21 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मप्र के बड़े आयोजनों में शामिल शिवडोला की फीकी रहेगी चमक

-अखाड़े होंगे न स्टॉल, डीजे भी नहीं बजेगा

2 min read
Google source verification

खरगोन

image

Gopal Joshi

Aug 14, 2021

Shivdola, involved in the big events of MP

खरगोन. शांति समिति की बैठक में मंथन करते अफसर व समिति सदस्य।

खरगोन.
मप्र के बड़े आयोजनों में शुमार खरगोन का शिवडोला अबकि बार भी कोरोना के फेर में है। इस बार भी आयोजन को दायरे में ही मनाने का निर्णय लिया गया है। स्टॉल लगेंगे न अखाड़े होंगे। डीजे बजेगा न झांकी। सवारी के रूप में बाबा सिद्धनाथ शहर भ्रमण पर निकलेंगे। यह निर्णय शांति समिति की बैठक में अफसरों व समिति सदस्यों ने लिया है। इसके अलावा मोहर्रम पर निकलने वाले ताजियों का भी जुलूस नहीं होगा।
विधायक रवि जोशी ने मोहर्रम और शिवडोला को गरीमापूर्ण तरीके मगर गाइडलाइन का पालन करते हुए मनाने को लेकर प्रस्ताव रखा, जिसका शांति समिति ने समर्थन किया। इसके बाद रक्षा बंधन, जन्मआष्ठमी, अनंत चतूर्थी मनाने को लेकर चर्चा की गई। कलेक्टर ने कहा कोरोना गाइडलाइन के अनुसार ही सभी त्यौहार मनाए जाएंगे। उन्होंने यह भी हिदायत दी कि नियम कानूनों को भूले नहीं, कोरोना कभी भी अपने पैर पसार सकता है। इसलिए हमें अभी भी मास्क, सेनेटाइजर और सोशल डिस्टेसिंग की जरूरत है।

सात क्षेत्रों में होंगे कलेक्शन सेंटर
एसपी शैलेन्द्र सिंह चौहान ने कहा गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी ताजियों के लिए 7 क्षेत्रों में कलेक्शन सेंटर बनाए जाएंगे। जहां वाहन मौजूद रहेगा। उसी पर ताजिए विसर्जन के लिए रखे जाएंगे। इन केंद्रों पर ताजियों को मोहल्ले से आकर रखेंगे। बैठक में भगवानपुरा विधायक केदार डावर, पूर्व विधायक बाबूलाल महाजन, अपर कलेक्टर बीएस सोलंकी, एएसपी डॉ. नीरज चौरसिया, एसडीएम सत्येन्द्र सिंह चौहान सहित शिवडोला समिति और शांति समिति के सदस्य मौजूद रहे।

अखाड़े नहीं निकलेंगे, न डीजे बजेंगे
एसपी ने कहा मोहर्रम और शिवडोला में अखाड़े नहीं निकाले जाएंगे। न ही कोई स्टॉल लगेगा। डीजे का उपयोग भी पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। शिवडोला सिर्फ सवारी के तौर पर निकलेगा। इसका लाइव प्रसारण किया जाएगा। बैठक में मनोज रघुवंशी ने तिरंगा यात्रा निकाले जाने को लेकर बात रखी। एसपी ने कहा तिरंगा यात्रा निकाले, तिरंगा के सम्मान के लिए अच्छा है लेकिन गत वर्ष इस यात्रा में हुड़दंग देखी गई है जो इन हालातों में अच्छी नहीं है।