
मैटरनिटी वार्ड में मरीजों व परिजन से चर्चा करती ज्वाइंट डायरेक्टर स्मिता तिवारी।
खरगोन.
तीन सौ बिस्तरों वाले जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं टटोलने खासकर शिशु-मृत्युदर व मातृ मृत्युदर को कम करने की कवायद को लेकर बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की ज्वाइंट डायरेक्टर स्मिता तिवारी टीम के साथ खरगोन पहुंची। यहां सिविल सर्जन डॉ. राजकुमारी देवड़ा सहित संकल्प, अंतरा फाउंडेशन, जपाइगो की टीम के साथ अस्पताल का निरीक्षण किया। प्रत्येक वार्ड का भ्रमण करते हुए लेबर रूम का जायजा भी लिया। स्टॉफ का मस्टर रजिस्टर जांचने के साथ वार्ड में भर्ती प्रसूताओं व उनके परिजन से चर्चा की।
तिवारी ने बताया इस निरीक्षण का उद्देश्य शिशु मृत्यु दर में कमी लाना, माताओं को बेहतर सेवाएं देना है। निरीक्षण के बाद जो खामियां मिलेगी उसे लेकर प्रबंधन से बैठक कर चर्चा करेंगे। तिवारी ने बताया जिला अस्पताल में वर्कलोड अधिकहै। मरीजों की संख्या स्टॉफ की तुलना ज्यादा है। ऐसे में पैरी-फेरी पर फंक्शलाइटी होनी चाहिए। हम सारी प्रक्रिया को देख रहे हैं।
तिवारी ने बताया जिले में सिकलसेल, एनिमिया बड़ी चुनौती है। यह समस्या केवल आयरन गोली खाने से दूर नहीं होगी। इसके लिए विभाग और आमजन दोनों में जागरूकता का होना जरूरी है। बेहतर काउंसलिंग के विकल्प तैयार किए जाएंगे। यहां बर्थ वेटिंग होम का कंसेप्ट है, जहां महिलाओं की केयर होगी।
तिवारी ने बताया जिला अस्पताल का इंफ्रास्ट्रक्चर परेशानी है। एक जगह वार्ड नहीं है। कुछ बड़ी समस्याएं भी है, जिन्हें नोट किया है। इस पर सुधार करेंगे। कंगारू मदर केयर की काउंसलिंग कैसे हो सकती है, इस पर मंथन होगा। एनजीओ को जोड़ेंगे। अगले माह भी निरीक्षण होगा। स्टॉफ को आने वाली समस्याओं को भी सुलझाएंगे।
तिवारी ने प्रसव बाद नवजात के साथ वार्ड में भर्ती महिलाओं से भी चर्चा की। बच्चे को दुध पिलाने की प्रक्रिया समझी। प्रसूताओं का किस तरह का खान-पान होना चाहिए इस पर परिजन से चर्चा कर उन्हें जरूरी टिप्स दिए।
Published on:
18 Dec 2025 11:14 am
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