प्रवासी मजदूरों के बहाने भाजपा पर जोरदार कटाक्ष किया। ममता ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए केंद्र की भाजपा सरकार ने ट्रेन का किराया नहीं दिया,लेकिन कुछ जनों को विशेष विमान से दिल्ली ले जाने के लिए बहुत सारा पैसा खर्च किया। चार्टर्ड फ्लाइट की व्यवस्था की। ममता का इशारा हाल में तृणमूल छोड़कर भाजपा में शामिल हुए राजीव बनर्जी, वैशाली डालमिया, प्रबीर घोषाल, रथिन चक्रवर्ती और पार्थसारथी की ओर था।
ममता ने कहा कि चुनाव के समय मुझे ब्लैकमेल करने से कुछ नहीं होने वाला। मुझे धमकाकर कुछ हासिल नहीं किया जा सकता। अगले चार-पांच दिनों में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो जाएगी, उससे पहले मैं जितना हो पा रहा है, सबके लिए कर रही हूं। सोने का अंडा देने वाली मुर्गी को ही काट दोगे तो कुछ नहीं मिलेगा।
सभा की शुरआत में ही ममता बनर्जी भड़क उठीं। मुख्यमंत्री के भाषण शुरू करते ही सभा में उपस्थित कुछ लोगों ने अपनी मांगों को लेकर शोर मचाना शुरू कर दिया। इसको लेकर वह भड़क गईं। ममता ने कहा जब भी मैं भाषण देना शुरू करती हूं तो तीन-चार लोग शोर मचाना शुरू कर देते हैं। मैं जितना कर सकती हूं, उतना कर रही हूं। हर कोई हर चीज मांगने लगेगा तो मैं सब कैसे कर पाऊंगी। मैं कोई भगवान नहीं हूं। राज्य सरकार ने कन्याश्री, सबूज साथी, स्वास्थ्य साथी समेत विभिन्न परियोजनाओं के जरिए सभी परिवारों को कुछ न कुछ दिया है।
ममता बनर्जी ने दोहराया कि वह बंगाल में एनआरसी-एनपीआर को लागू नहीं होने देंगी। दो दिन पहले उत्तर बंगाल में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए उन्होंने राज्य में एनआरसी-एनपीआर को लागू नहीं होने देने की बात कही थीं।