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कोलकाता

बंगाल में आवास योजनाः घर नहीं मिलने पर लाभार्थी ने वापस मांगे कटमनी के रुपए, गई जान

आवास योजना के तहत घर नहीं मिलने पर लाभार्थी ने वापस कटमनी के रुपए मांगे थे। इस पर रुपए लेने वाला तृणमूल नेता उससे नाराज हो गया और कटमनी देने वाले की पिटाई कर दी। जिससे उसकी मौत हो गई। यह घटना मुर्शिदाबाद के रघुनाथपुर की है। मृतक का नाम अतिउर शेख उर्फ कालू है। वह रघुनाथपुर के मुकुंदरपुर इलाके का रहने वाला है।

कोलकाताDec 02, 2024 / 07:44 pm

Rabindra Rai

बंगाल में आवास योजनाः घर नहीं मिलने पर लाभार्थी ने वापस मांगे कटमनी के रुपए, गई जान

बंगाल में आवास योजनाः घर नहीं मिलने पर लाभार्थी ने वापस मांगे कटमनी के रुपए, गई जान

आवास योजना के तहत घर नहीं मिलने पर लाभार्थी ने वापस कटमनी के रुपए मांगे थे। इस पर रुपए लेने वाला तृणमूल नेता उससे नाराज हो गया और कटमनी देने वाले की पिटाई कर दी। जिससे उसकी मौत हो गई। यह घटना मुर्शिदाबाद के रघुनाथपुर की है। मृतक का नाम अतिउर शेख उर्फ कालू है। वह रघुनाथपुर के मुकुंदरपुर इलाके का रहने वाला है। सूत्रों के अनुसार, स्थानीय तृणमूल नेता अब्दुल लतीफ उर्फ मिथुन ने 2018 में आवास योजना सर्वेक्षण के दौरान सूची में उनका नाम डालने का वादा करके उनसे 5,000 रुपये लिए थे लेकिन, जब सूची आई तो देखा गया कालू का नाम सूची में नहीं है। इसीलिए कालू तृणमूल नेता से पैसे वापस मांगने गया।
कथित तौर पर तृणमूल नेता के साथ उसका झगड़ा हो गया। इस दौरान तृणमूल नेता ने कालू की पिटाई कर दी। चोट के कारण उसके कान से खून बहने लगा। कालू को जंगीपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालत बिगड़ने पर उसको मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलज में शिफ्ट किया गया। डॉक्टरों ने कालू को फिर से कोलकाता के एनआरएस अस्पताल रेफर कर दिया। जहां उसकी मौत हो गई।

घर को वापस करने की अपील

तृणमूल नेता और दो सगे भाइयों के रहने के लिए दो मंजिला मकान है। फिर भी दोनों के नाम आवास योजना की सूची में शामिल था। सर्वे शुरू होते ही तृणमूल नेता ने आवास योजना के तहत मिलने वाले घर को वापस करने की अपील बीडीओ से की। इस पर भाजपा ने कटाक्ष करते हुए कहा तृणमूल नेता दोनों भाइयों ने कोई ईमानदारी नहीं दिखाई है, बल्कि जनता के गुस्से से बचने के लिए ऐसा किया है।
सूत्रों के मुताबिक, एक भाई तृणमूल के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष हैं। दूसरा भाई उसी क्षेत्र की कोर कमेटी का सदस्य है। दोनों भाइयों के रहने के लिए दो मंजिला मकान है। लेकिन फिर भी आवासीय सूची में इनके नाम थे। सर्वे की शुरुआत में उन्होंने स्थानीय बीडीओ कार्यालय में अनायास आवासीय मकान नहीं लेने का आवेदन दिया।

घटना को लेकर राजनीतिक हंगामा

बांकुड़ा के पत्रसायर ब्लॉक की बलसी नंबर 2 ग्राम पंचायत के पानपुकुर माझीपाड़ा में हुई इस घटना को लेकर राजनीतिक हंगामा शुरू हो गया है। तृणमूल ने इस घटना को ईमानदारी बताते हुए इसकी सराहना की, लेकिन भाजपा ने कटाक्ष करते हुए कहा, इसमें कोई ईमानदारी नहीं है। यह तो जनता के गुस्से के डर का कमाल है।

मकान लौटाने का फैसला

तृणमूल क्षेत्रीय उपाध्यक्ष निमाई माझी और तृणमूल क्षेत्रीय कोर कमेटी सदस्य आनंद माझीर का पानपुकुर माझीपाड़ा में अपना दो मंजिला घर है। हाल ही में जब जिले भर में आवास योजना का सर्वेक्षण कार्य शुरू किया गया तो देखा गया कि अपना दो मंजिला मकान होने के बावजूद आवास के लाभार्थियों की सूची में नाम हैं। इसके बाद नाम हटाने के लिए बीडीओ कार्यालय में लिखित आवेदन दोनों भाइयों ने दिया। उनका दावा है कि पांच साल पहले जब आवास सर्वे हुआ था तो उनके पास बना-बनाया घर नहीं था। बाद में उन्होंने ईंटों का घर बना लिया। अब जब उनके पास अपना मकान है तो वे हाउसिंग प्रोजेक्ट के मकान लौटा रहे हैं।

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