
West Bengal: उत्तर बंगाल में इस तरह संगठन पर जोर दे रही तृणमूल कांग्रेस
कोलकाता.
कोरोना के संक्रमण के दौर में राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व उत्तर बंगाल के जिलों में संगठन को चुस्त करने की कवायद शुरू कर दी है। 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर बंगाल में पार्टी के खराब प्रदर्शन से सीख लेते हुए तथा 2021 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत किए जाने की योजना है।
पार्टी सुप्रीमो तथा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर उत्तर बंगाल के लिए पार्टी के पर्यवेक्षक तथा लोक निर्माण मंत्री अरूप विश्वास, पर्यटन मंत्री गौतम देब और श्रम व विधि मंत्री मलय घटक पार्टी के जमीनीस्तर के नेताओं और सक्रिय कार्यकर्ताओं के साथ संवाद स्थापित कर रहे हैं।
कोरोना और चक्रवाती अम्फान राहत को लेकर एक तरफ भाजपा तो दूसरी तरफ कांग्रेस-वाममोर्चा के राज्य सरकार के खिलाफ कुप्रचार करने के जवाब में राज्य सरकार की उपलब्धियों को लेकर जनता के बीच जाकर प्रचार करना तृणमूल कांग्रेस की प्राथमिकता है।
गुटबाजी से परे रहने की हिदायतः
पार्टी नेताओं ने उत्तर बंगाल के जिलों में पार्टी नेताओं के बीच की गुटबाजी पर चिंता जताई है। हाल ही में सुप्रीमो ममता बनर्जी की वर्चुअल बैठक के दौरान उत्तर बंगाल में नेताओं की गुटबाजी का मुद्दा उठा था। ममता ने हर स्तर के नेताओं व कार्यकर्ताओं को आपसी गुटबाजी से परे रहकर संगठन को मजबूत बनाने तथा जनसम्पर्क स्थापित करने की सलाह दी गई है।
पार्टी पर्यवेक्षक अरूप राय ने उत्तर बंगाल के जिलों दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, अलीपुरदुआर, जलपाईगुड़ी और कूचबिहार के अलावा उत्तर व दक्षिण दिनाजपुर में बूथ स्तर पर संगठन को चुस्त बनाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि बूथ स्तर के कार्यकर्ता ही पार्टी को मजबूती प्रदान करेंगे।
Published on:
10 Jul 2020 09:48 pm
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