
बच्चों को गुस्सैल बना रहे हिंसा वाले कॉन्टेंट
विनीत शर्मा
कोलकाता. ओटीटी से लेकर सोशल मीडिया तक कॉन्टेंट में अश्लीलता के साथ ही खून-खराबे वाले सीन देखने को मिल रहे हैं। मोबाइल हाथ में होने के कारण ओटीटी और सोशल मीडिया बच्चों की पहुंच से भी दूर नहीं है। विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐसे कॉन्टेंट बच्चों को गुस्सैल और हिंसक बना रहे हैं।
ओटीटी और सोशल मीडिया की पहुंच बच्चों तक सहज हो गई है। हाथ में मोबाइल और इंटरनेट की आजादी ने उनका बचपन छीन लिया है। जरा सी बात पर बच्चे अपने ही माता-पिता के साथ झगडऩे से परहेज नहीं बरत रहे।
ओटीटी पर परोसा जा रहा हिंसक और अश्लील कॉन्टेंट बच्चों के मन में घर कर रहा है। बाल मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि ओटीटी कॉन्टेंट में दिखाई जा रही मारपीट और गाली-गलौज बच्चों के मन पर असर डाल रही है। यही वजह है कि बच्चों की बोली-भाषा में भी गाली गलौज शामिल होती जा रही है।
हिंसा से भरा विडियो कॉन्टेंट ना सिर्फ बच्चों के व्यवहार पर असर डाल रहा है। बदलते व्यवहार का असर उनकी पढ़ाई पर भी पड़ रहा है। बच्चे पढ़ने के समय में भी मोबाइल पर ही समय बिता रहे हैं।
बच्चों और किशोरों में अवसाद के लक्षण भी देखने को मिल रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) और यूनिसेफ की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में दस से 19 वर्ष का हर सातवां बच्चा व किशोर अवसाद और बेचैनी जैसी मानसिक समस्याओं से जूझ रहा है। बाल मनोविज्ञानी मानते हैं कि अन्य कारणों के साथ ही ओटीटी कॉन्टेंट भी इसकी एक अहम वजह हो सकते हैं।
बच्चों में चिड़चिड़ापन भी तेजी से बढ़ रहा है। डिजिटल स्क्रीन इसकी बड़ी वजहों में से एक है। मोबाइल हाथ में आने के बाद बच्चों की शारीरिक गतिविधियां कम हो गई हैं। बाहर खेलने और दौडऩे-भागने के बजाय वे ज्यादातर समय घर में ही रहते हैं और लंबे समय तक लगातार देखे जा रहे हिंसक कॉन्टेंट उनके व्यवहार को चिड़चिड़ा बना रहे हैं।
हिंसक दृश्यों को बार-बार देखकर बच्चे हिंसा के प्रति असंवेदनशील हो जाते हैं। हिंसा करने के तरीके और गाली-गलौज भी ओटीटी की वेबसीरीज से सीख रहे हैं। अभिभावकों को बच्चों पर ध्यान देने के साथ ही मनोचिकित्सकों से भी परामर्श करना चाहिए।
डॉ. कमलेश दवे, मनोचिकित्सक
न्यूक्लियर परिवारों के चलन ने बच्चों को अकेला कर दिया है। यही वजह है कि मोबाइल हाथ में आने के बाद कुछ भी देख रहे हैं। इसका असर उनके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहा है।
डॉ. ललित नारायण सिंह, कोलकाता
Updated on:
30 Oct 2024 06:32 pm
Published on:
30 Oct 2024 06:29 pm
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