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WEST BENGAL SHYAM MANDIR 2024….श्याम धणी तेरी इक नजर से, मुझको तारो ना, तीन बाण धारी गूंजे तेरा जयकारा

-अन्य समाज के लोग भी झुकाते हैं नरेश देवालय स्थित श्रीश्याम मंदिर साल्टलेक में श्याम बाबा के चरणों में शीश, -श्याम बाबा के शीश की श्रृंगारित झांकी आकर्षण का केंद्र---पत्रिका विशेष- श्रीश्याम फाल्गुन महोत्सव  

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WEST BENGAL SHYAM MANDIR 2024....श्याम धणी तेरी इक नजर से, मुझको तारो ना, तीन बाण धारी गूंजे तेरा जयकारा

WEST BENGAL SHYAM MANDIR 2024....श्याम धणी तेरी इक नजर से, मुझको तारो ना, तीन बाण धारी गूंजे तेरा जयकारा

....श्याम धणी तेरी इक नजर से, मुझको तारो ना, तीन बाण धारी गूंजे तेराजयकारा समेत अनेक जयघोष के साथ श्याम भक्त नरेश देवालय स्थित श्रीश्याम मंदिर साल्टलेक में श्याम बाबा के चरणों में शीश झुकाने आ रहे हैं। यहां श्याम बाबा के शीश की श्रृंगारित झांकी विराजमान है जो भक्तों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस मंदिर की खास विशेषता है कि केवल मारवाड़ी समाज ही नहीं बल्कि अन्य समाजों से भी काफी संख्या में यहां श्याम बाबा के चरणों में भक्त शीश नवाते हैं। इन दिनों हर कोई खाटू श्याम के दर्शन के लिए मंदिर में पहुंच रहा है। अध्यक्ष और प्रबंधक गोपाल बंका ने पत्रिका से खास बातचीत में यह जानकारी दी।

--कोरोना काल में मंदिर की परिकल्पना

उन्होंने कहा कि कोरोना काल में मंदिर की परिकल्पना की गई थी और 7 जुलाई 2022 को साल्टलेक नरेश देवालय में श्याम बाबा के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की गई। यहां शिव परिवार भी स्थापित हैं जिसके दर्शन करने काफी संख्या में शिव भक्त आते हैं। बंका ने कहा कि पिछले 2 साल में श्यामबाबा की ख्याति में इजाफा हुआ है। दूर-दराज से काफी संख्या में लोग यहां आने लगे हैं। मुख्य तौर पर फागुन उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है जबकि बसंत पंचमी को बाबा का अभिषेक होता है। अभी गत दिनों गाजे-बाजे से निकाली गई निशान यात्रा में काफी संख्या में श्याम भक्तंों ने भाग लिया था। मंदिर से 10हजार लोग प्रत्यक्ष तौर पर जुड़े हैं।

----रजत निशान यात्रा 19 को

बंका ने बताया कि 20 और 21 मार्च को श्याम बाबा रंग रंगीला फाल्गुन उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। इससे पहले 19 मार्च को रजत निशान यात्रा निकाली जाएगी। इसमें लगभग 150 श्याम भक्तों के शामिल होने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि राजारहाट से निशान यात्रा मन्दिर पहुंचेगी। इसमें 350 श्रद्धालु शामिल रहेंगे।

--ये हैं सहयोगी

उन्होंने कहा कि मंदिर के सहयोगियों में अमर भरतिया, अनिल अग्रवाल, आदित्य केडिया, बाबूलाल बंका, मुकेश बंका, विरेन्द्र पांडे, बैजनाथ मित्तल, सुदेश अग्रवाल, विश्वनाथ भुवालका, चंद्रप्रकाश सरावगी, रामकिशोर लुहारीवाला, राम किशन लुहारीवाला, जगदीश बंसल, जगदीश राय जिंदल, विशाल भुवानिया, हेम चन्द अगरवाल, डा लक्ष्मण प्रसाद व्यास, राधेश्याम गुप्ता, गोविंद बेरीवाल, ललित बेरीवाल, नवल सुल्तानिया, नगराज बरमेचा, प्रमिल रूंगटा, सुरेंद्र अग्रवाल, राजेश गुप्ता, रामअवतार रामससरिया, सत्यनारायण बंसल, महेन्द्र बंसल, महेन्द्र अग्रवाल, सुभाष गुप्ता, देवराज दास, निलांजल बृम्हा, धर्मेन्द्र अग्रवाल,अरूण सिंघानिया, सुशील चौधरी, हरीश गुप्ता, विक्की सिकरीया, विकम अग्रवाल, पवन परसरामपुरिया, चंडी प्रसाद बंसल, रजती अग्रवाल, दिनेश मोदी, हरेन्द्र अग्रवाल, गिरधर डालमिया, शंकरलाल कारीवाल, राजेश अग्रवाल, किशन कुमार वर्मा, राजेश बंसल मुख्य हैं।