
WEST BENGAL SHYAM MANDIR GHUSUDIDHAM 2024-श्याम भक्तों के लिए श्रीश्याम मंदिर घुसुड़ीधाम है ‘खाटूधाम’
श्याम भक्तों के लिए श्रीश्याम मंदिर घुसुड़ीधाम न केवल कोलकाता बल्कि पूर्वी भारत में ‘खाटूधाम’ के रूप में आज परिणत हो चुका है। यहां आने वाले लोगों का मानना है कि घुसुड़ीधाम के बाबा श्याम चमत्कारी देव हैं। यहां जो भी सच्चे मन से अर्जी लगाते हैं उनकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है। कोलकाता में बाबा श्याम के भक्तों की बेशुमार संख्या है और हजारों की संख्या में श्याम भक्त बाबा के मुख्य धाम खाटूधाम जाते हैं। अनेक भक्त विविध कारणों से बाबा के मुख्य धाम तक नहीं जा पाते ऐसे भक्तों के लिये हावड़ा के घुसुड़ी में बाबा श्याम का भव्य विशाल मंदिर श्रीश्याम मंदिर घुसुड़ीधाम आस्था का परम धाम बन गया है। खाटू श्यामजी की तर्ज पर बने श्याम प्रभु के इस मंदिर में वे सभी सुविधायें भक्तों को उपलब्ध हैं जो वहां होती हैं।
---राजस्थान की कला संस्कृति की अनूठी झलक
27 फरवरी 2009 को मंदिर में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। जबकि 28 फरवरी 2009 को मंदिर का उद्घाटन हुआ। मंदिर का निर्माण कार्य दिसम्बर 1999 में प्रारम्भ हुआ। लगभग 10 वर्षों में बनकर तैयार हुआ। श्री श्याम सत्संग मंडल घुसुड़ीधाम के बैनर तले बने इस मंदिर में राजस्थान की कला संस्कृति की अनूठी झलक देखने को मिलती है। इसके निर्माण में संगमरमर के लिए प्रसिद्ध राजस्थान के मकराना से चुनिन्दा संगमरमर पत्थरों को यहां लाकर इसे विविध रूपों में तराश कर मंंदिर को भव्य रूप दिया गया है। मंदिर में पुष्कर के कारीगरों ने कांच (शीशे) का जो कार्य किया वह चकाचौंध कर देने वाला है। मंदिर में चांदी का कार्य सरदारशहर (राजस्थान) के कलाकारों ने किया है।
--श्याम प्रेमी नवल सुल्तानिया का योगदान
इन सब के पीछे मंदिर के प्रति पूर्णत समर्पित श्याम प्रेमी नवल सुल्तानिया का योगदान है। मंदिर प्रांगण में विष्णु के 24 अवतारों की झांकियां, कृष्ण लीला की झांकी, कृष्ण के विराट स्वरूप की झांकी, बर्बरीक द्वारा महाभारत युद्ध देखने की झांकी, शीश दान का द़ृश्य, राम दरबार, राधा-कृष्ण, लक्ष्मी-नारायण और गीता उपदेश की झांकियां मंदिर में आने वालों को अपनी ओर आकर्षित करती है। इन मूर्तियों को भी जयपुर शहर से बनवाकर मंगवाया गया।
---बाबा श्याम के शीश का श्रीविग्रह जयपुर से लाया गया था
बाबा श्याम के शीश का श्री विग्रह भी जयपुर से ही लाया गया था। लगभग ७ हजार वर्गफीट में बने मंदिर में खाटू वाले श्रीश्याम प्रभु के कल्याणकारी शीश के साथ गणेश, हनुमान, दुर्गा, गोपीनाथजी (राधाकृष्ण), शिव परिवार, राणीसती, जीण माता, शाकम्भरी माता और श्रीदेवसर भवानी माता की मूर्तियां भी विराजमान हैं। मंदिर में आने वालों को न केवल बाबा श्याम बल्कि राजस्थान में विराजने वाले प्रवासी राजस्थानी समाज के सभी कुलदेवी-देवताओं के दर्शन एक ही स्थान पर सुलभ हो जाते हैं।
-----बाबा श्याम से मिले स्वप्नादेश का प्रतिफल
संस्था के प्रबंध न्यासी विनोद टिबड़ेवाल के मुताबिक संस्था के संस्थापक प्रकाशचन्द्र टिबड़ेवाल को बाबा श्याम से मिले स्वप्नादेश का प्रतिफल है बाबा श्याम का श्याम मंदिर घुसुड़ीधाम। इसमें सहयोग दिया श्याम सुंदर बाजोरिया ने। मंदिर भक्तों के दर्शनार्थ सुबह 6 से दोपहर 1 बजे तक खुला रहता है। शाम 4 से रात 9 बजे तक मंदिर दर्शनार्थियों के लिए खुला रहता है।
--- नित्य 5 आरती
मंदिर में नित्य 5 आरती (मंगला आरती, श्रृंगार आरती, भोग आरती, संध्या आरती और शयन आरती) होती है । मंदिर में सभी प्रमुख पर्व जैसे महाशिवरात्रि, हनुमान जयंती, चैत्र व शारदीय नवरात्र, गणेश चतुर्थी, जन्माष्टमी, श्रावण माह महोत्सव, भादव अमावस्या आदि धूमधाम से सम्पन्न होते हैं। विशेष रूप से तीन मेले आयोजित होते हैं- कार्तिक शुक्ल एकादशी - द्वादशी को श्याम जयंती, नववर्ष की पूर्व संध्या (31 दिसम्बर) से नववर्ष के प्रथम दिन (1 जनवरी) और फाल्गुन शुक्ल एकादशी - द्वादशी को रंग-रंगीला फाल्गुन मेला। सेवा के क्षेत्र में भी मंदिर के बैनर तले अनेकानेक कार्य हो रहे हैं। जिनमें कम्यूनिटी हॉल, जरुरतमंद बच्चों में पाठ्य पुस्तकों का वितरण, कम्प्यूटर ट्रेनिंग सर्विस, कंबल वितरण, भोजन वितरण एवं प्राकृतिक आपदा राहत कार्य विशेषकर कोरोना काल के दौरान किया गया अभूतपूर्व सेवाकार्य प्रमुख हैं। दूर-दूर से पैदल आकर निशान (ध्वजा) चढ़ाने वालों की भी संख्या बेशुमार है। गत 7-8 वर्षों में खाटू श्यामजी की तरह ही हजारों भक्त मंदिर में पदयात्रा-शोभायात्रा के माध्यम से पहुंचकर मंदिर में निशान चढ़ा रहे हैं।-
--निशान शोभायात्रा में भाग लेते हैं हजारों श्याम भक्त
मंदिर के बैनर तले फाल्गुन मेला के अंतर्गत विशाल निशान शोभायात्रा निकाली जाती है जिसमें हजारों श्याम भक्त एक साथ पदयात्रा के माध्यम से अपनी मनोकामना पूर्ति के लिये बाबा श्याम को निशान चढ़ाते हैं । फाल्गुन और कार्तिक के मेले में ग्यारस की रात जगाने और बारस को धोक व प्रसाद लगाने के लिए श्याम भक्तों का सैलाब यहां उमड़ता है। सबसे महत्वपूर्ण आयोजन है 'रंग रंगीला फाल्गुन मेला। मथुरा वृंदावन की होली में दूर-दूर से हजारों श्याम भक्त एकत्रित होते हैं। बाबा के प्रति अटूट आस्थावान इलाके के विधायक गौतम चौधरी ने हाल ही में मंदिर के स्वागत द्वार के निर्माण का कार्य शुरू कराया है। मंदिर के ठीक सामने विशाल भूखण्ड पर श्रीश्याम भवन, श्रीश्याम बगीची व श्री श्याम कुंड के निर्माण की योजना है।
Published on:
19 Mar 2024 06:34 pm
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