
भेजे गए जेल
Chhattisgarh news: कोंडागांव में ढाई साल पहले शिक्षा विभाग नारायणपुर में पदस्थ एक बाबू ने अपने ही विभागीय कर्मचारी को संलग्नीकरण करवाने के नाम पर ₹10000 की रिश्वत मांगने के मामले में आरोपी किशोर मेश्राम को विशेष न्यायधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोंडागांव ने मंगलवार को तीन साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
लोक अभियोजक दिलीप जैन से मिली जानकारी के मुताबिक प्रार्थी आशीष वर्मा जो वर्तमान में शासकीय कन्या बुनियादी शिक्षा परिसर गरंजी में सहायक ग्रेड 3 के पद पर पदस्थ है। वह अपने पुराने कार्यालय शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नारायणपुर में जहाँ वह वर्ष 2008 से 2018 तक अनुकम्पा पर भृत्य के पद पर पदस्थ था और वर्ष 2018 में प्रमोशन पर वह शासकीय कन्या बुनियादी (kondagaon news) शिक्षा परिषद गरंजी में पदस्थ हुआ था। लेकिन वह अपने पुराने कार्यालय शासकीय उत्तर माध्यमिक विद्यालय नारायणपुर में संलग्नीकरण चाहता था। जिस संबंध में उसने मौखिक रूप से प्राचार्य से भी चर्चा की थी।
रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ाया
इसी बीच आशीष वर्मा की मुलाकात जिला शिक्षा कार्यालय में पदस्थ बाबू किशोर मेश्राम से हुई जहां उसने संलग्नीकरण आदेश करवाने के एवज में ₹10000 रिश्वत की मांग की जो कि, प्रार्थी नहीं देना चाहता था। इसकी शिकायत उसने एंटी करप्शन ब्यूरो जगदलपुर को 22 दिसंबर 2020 को थी जिस पर नियमानुसार प्रामाणिक के बाद आशीष वर्मा दोबारा 29 दिसंबर 2020 को एंटी करप्शन के कार्यालय पहुँचा। जिस पर एंटी करप्शन की टीम ने आरोपी किशोर मेश्राम को 30 दिसंबर 2020 को रिश्वत लेते (kondagaon news) रंगे हाथों पकड़ा था। इसके बाद से आरोपी जमानत पर चल रहा था 16 मई 2023 को मामले की सुनवाई हुई जिस पर आरोपी को धारा 7 भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत दोषी पाते हुए न्यायालय ने 3 वर्ष सश्रम कारावास ₹5000 अर्थदंड की सजा सुनाई।
Updated on:
18 May 2023 11:47 am
Published on:
18 May 2023 11:24 am
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