17 नंवबर को मतदान के बाद तीन दिसंबर को मतगणना होनी है। दोनों ही प्रमुख पार्टी भाजपा, कांग्रेस के अलावा आप पार्टी भी अपने-अपने जीत के दावे कर रहे हैं। पिछले कुुछ चुनावों में वोटिंग का ट्रेंड देखा जाए तो कांग्रेस के गढ़ में इस बार भी अधिक वोटिंग हुई तो वहीं भाजपा के गढ़ वाले बूथों में बम्फर वोट पड़े हैं। हालांकि कई बूथ ऐसे भी हैं जहां वोटिंग कम हुई है। इसका नुकसान दोनों ही पार्टी को उठाना पड़ेगा। इस बार के वोटिंग को देखें तो शिक्षित और नौकरीपेशा वोटरों की तुलना में बस्तियों से अधिक वोटिंग हुई है। अब यह तीन दिसंबर को मतगणना से ही स्पष्ट हो सकेगा कि किसके खाते में वोट अधिक पड़े हैं।
स्वीप कार्यक्रम का कोरबा सीट पर नहीं दिखा असर पिछले विधानसभा चुनाव में भी इन्हीं कालोनी एरिया में कम वोटिंग हुई थी। 65 फीसदी से कम वोटिंग वाले करीब 40 से अधिक बूथाें में निर्वाचन विभाग द्वारा महाअभियान चलाया गया था ताकि वोटिंग को लेकर लोगों में रूचि बढ़े, लेकिन स्थिति ये रही कि इस बार भी सीएसईबी, बालको, एनटीपीसी और एसईसीएल के कॉलोनी में वोटिंग फीसदी कम रहा। हालांकि इसके पीछे एक यह भी वजह सामने आ रही है कि बहुत से कर्मचारी परिवार रिटायर या फिर ट्रांसफर के बाद कालोनी छोड़ चुके हैं। उन परिवार मतदाता सूची से नहीं हट सका था। स्वीप कार्यक्रम के तहत ग्रामीण इलाकों में भी मतदान का प्रतिशत आयोग नहीं बढ़ा सका। सभी सीटों पर पिछले विधालसभा चुनाव से कम वोट गिरे हैं।
इन बूथों में हुई सर्वाधिक वोटिंग बूथ क्रमांक – क्षेत्र – वोटिंग प्रतिशत 17 – पीपल कोहड़िया – 88.17
236 – दादरखुर्द – 85.29
237 – ढेलवाडीह – 86.17
55 – डगनियाखार – 88.10
69 – चंद्रनगर – 93.51
242 – भिलाईखुर्द – 82.15
02 – सलिहाभाठा – 87.98
03 – सेमीपाली – 81.62
04 – डुमरमुड़ा – 91.30
06 – बरेड़ीमुड़ा – 92.84
32 – अगारखार – 89.68
इन बूथों में सबसे कम वोटिंग बूथ क्रमांक – क्षेत्र – वोटिंग प्रतिशत 164 – सीएसईबी – 45.58
163 – सीएसईबी – 38.06
64 – खम्हरिया – 47.28
158 – रामनगर – 49.68
159 – जेपी कालोनी – 47.04
19 – जेलगांव – 41.88
23 – जेलगांव – 38.78
27 – शक्निगर – 38.56
30 – कावेरी विहार – 32.67
31 – कावेरी विहार – 39.17
92 – पाड़ीमार, बालको – 27.57
रिहायशी इलाकों में इस तरह हुई वोटिंग रिहायशी इलाकों के बूथों में 55 से लेकर 72 फीसदी तक वोटिंग हुई है। कोसाबाड़ी में 55.43 फीसदी, आरपीनगर में 61.74 फीसदी, नेहरूनगर में 72, शिवाजीनगर में 68, एमपीनगर में 55, टीपीनगर में 65, लालूराम कालोनी मेें 53 फीसदी और दर्री रोड में 63 फीसदी वोटिंग हुई है।
दर्री क्षेत्र से तीनों ही पार्टियों की बंधी उम्मीद इस बार सर्वाधिक वोटिंग दर्री क्षेत्र के बूथों पर हुई है। भाजपा-कांग्रेस के साथ-साथ आप पार्टी को भी इन सर्वाधिक वोटिंग से उम्मीद बंधी हुई है। दरअसल कोरबा विधानसभा की बूथों की गिनती सुमेधा से शुरु होती है। तीन दिसंबर को जब मतगणना शुरु होगी तब इन्हीं बूथों के परिणाम सबसे पहले आएंगे। जो पार्टी यहां से बढ़त बनाती है उसके जीतने की संभावना अधिक होती है। भाजपा का दावा है कि दर्री से कम से कम पांच हजार की लीड पार्टी को मिलेगी, जबकि कांग्रेस का दावा है कि हर बार की तरह यहां से पार्टी को बढ़त मिलेगी।
पुराने शहर में मिलाजुला मतदान पुराने शहर के बूथों में मिलाजुला मतदान देखने को मिला। रामसागरपारा में 60 फीसदी, पटेलपारा में 62 फीसदी, मिशनरोड में 70 फीसदी, अग्रसेन चौक में 64 फीसदी, दुरपारोड में 68.66 फीसदी, पुरानी बस्ती में 69 फीसदी, इतवारी बाजार में 67, रानीरोड में 81 फीसदी, मोतीसागरपारा में 72 फीसदी, सीतामणी में 69, संजयनगर में 62, नई बस्ती में 70 फीसदी तक वोटिंग हुई है।