
जरूरत के मुताबिक एनटीपीसी को नहीं मिल रहा कोयला, आखिर क्यों एसईसीएल प्रबंधन ने आपूर्ति कर दी कम, पढि़ए खबर...
कोरबा. सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी कोयला उत्पादन कंपनी एपटीपीसी कोयले की संकट से जूझ रही है। कंपनी की जमनीपाली और सीपत संयंत्र में एक दिन के लिए भी कोयले का स्टॉक नहीं बचा है। इससे बिजली उत्पादन पर असर पड़ा है। एसईसीएल की खदानों से जमनीपाली और सीपत संयंत्र को ६२ से ७० हजार टन कोयला मिल रहा है। जबकि जरूरत ७९ हजार टन से अधिक की है। मांग अधिक और आपूर्ति कम होने से एनटीपीसी के समक्ष प्लांट को चालू रखने के लिए कोयले एकत्र करना बड़ी चुनौती बनकर उभरा है।
एनटीपीसी की कोरबा के जमनीपाली में 2600 मेगावाट की सात यूनिट है। यूनिट को प्रतिदिन 38 हजार 42 टन कोयले की जरूरत है। इसके अलावा कंपनी ने बिलासपुर सीपत में 2980 मेगावाट की यूनिट लगाई है। इसमें 500 मेगावाट की दो और 660 मेगावाट की तीन यूनिट शामिल है। सीपत यूनिट को रोजाना 41 हजार 33 टन कोयले की जरूरत पड़ती है।
कोरबा और सीपत संयंत्र को कोयले की आपूर्ति साउथ ईस्टर्न कोल फिल्ड की गेवरा और दीपका की खान से रेल मार्ग के जरिए की जाती है। करीब पांच छह माह से एनटीपीसी को मांग के अनुसार एसईसीएल कोयला आपूर्ति नहीं कर सका है। इससे एनटीपीसी में कोयले का स्टॉक खत्म हो गया है। दोनों यूनिट क्रिटिकल कंडिशन में हैं। स्थिति इतनी गंभीर है कि गेवरा दीपका से रोज होने वाली कोयले की आपूर्ति पर बिजली का उत्पादन निर्भर है। खामी को दूर करने कोल इंडिया चेयरमैन व एनटीपीसी सीएमडी गेवरा, दीपका और कुसमुंडा पहुंचे थे।
गेवरा लक्ष्य से सात हजार टन कम दे रहा कोयला
पूर्व में हुए समझौते के अनुसार एसईसीएल की गेवरा खदान से ३७ हजार ३०० टन और शेष कोयले की आपूर्ति दीपका सहित अन्य खदानों से की जानी है।
लक्ष्य को पूरा करने मानिकपुर से कोयला
एनटीपीसी में कोयला संकट को दूर करने के लिए गेवरा दीपका के अलावा मानिकपुर से भी पांच सात हजार टन कोयले की आपूर्ति की जा रही है। इसके बाद भी व्यवस्था सामान्य नहीं हो सकी है।
गुणवत्ता का हवाला देकर एनटीपीसी ने काटी राशि
एनटीपीसी को कोयले की आपूर्ति सामान्य से कम होने का बड़ा कारण कोल सैंपलिंग की खामी बताई जा रही है। एनटीपीसी ने एसईसीएल की कोयला को गुणवत्ताहिन बताकर राशियां में कटौती की है। इससे कोयला कंपनी को आर्थिक नुकसान पहुंचा है। इसे नाराज प्रबंधन ने एनटीपीसी को कोयले की आपूर्ति कम कर दी है।
Published on:
21 Oct 2018 05:30 pm
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