कोरबा. जिले में विद्युत वितरण व्यवस्था चरमराई हुई है। मेंटेसेंन के बाद भी बिजली की आंखमिचौली जारी रहती है। दुरूस्त करने के लिए विद्युत वितरण कंपनी ने तीन विकासखंड के ग्रामीण क्षेत्र में पांच नए वितरण केंद्र स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है। शहरी क्षेत्र में पूर्व में ही चार सबस्टेशन की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। अब काम शुरू करने के लिए जमीन का इंतजार है।
विद्युत वितरण कंपनी ने जिले के कटघोरा में दो, पोड़ी उपरोड़ा में एक व रामपुर में दो नए विद्युत वितरण केंद्र निर्माण कराने के लिए स्वीकृति प्रदान की है। इसमें क्रमश: छुरीकला, भिलाईबाजार, पोड़ी, ग्राम रामपुर और सोहागपुर शामिल हंै। इन केंद्रों के निर्माण के बाद क्षेत्र में जुनियर इंजीनियर से लेकर कई नए अधिकारी व कर्मचारियों की नियुक्ति होगी। वर्तमान में संचालित केंद्रों में दबाव कम होगा।
कर्मचारियों के जरूरी वाहन सहित सुविधा बढ़ जाएगी। उपभोक्ताओं को समस्या की शिकायत लेकर लंबी दूरी का चक्कर नहीं लगाना होगा। साथ ही मौसम सहित अन्य कारणों से विद्युत वितरण व्यवस्था बाधित होने पर बहाल होने में समय कम लगेगा। वर्तमान में विद्युत वितरण केंद्र काफी दूर है। इस कारण हल्की हवा और बारिश से बिजली के तार टूटने सहित अन्य कारणों से बिजली बंद हो जाती है।
शिकायत के लिए उपभोक्ताओं को लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। वहीं केंद्रों में दबाव अधिक होने की वजह से कई बार समस्या के निराकरण में काफी विलंब होता है। तब तक उपभोक्ताओं को अंधेरे में रहना पड़ता है। सबसे अधिक परेशानी ग्रामीण व वनांचल क्षेत्र में ही हो रही है। इस समस्या से उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।
शहरी क्षेत्र में जमीन चिन्हांकन की प्रक्रिया तेज
इधर शहरी क्षेत्र में पहले ही चार नए विद्युत वितरण केंद्र को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। इसके लिए भूमि को लेकर अटकलें लगाई जा रही थी। इसे भी जिला प्रशासन ने चार में से दर्री जोन के दो और पाड़ीमार जोन को मिलाकर तीन नए सब स्टेशन के लिए जमीन चिन्हांकन के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी है, जल्द इस संबंध में कागजी कार्रवाई पूरी कर ली जाएगी।
विद्युत व्यवस्था चरमराई
त्योहारी की वजह से शहरी क्षेत्र में बिजली की मांग बढ़ गई है। ट्रांसफार्मरों में दबाव बढ़ने लगा है। इस कारण ट्रांसफार्मर व केबल में खराबी आ रही है। इससे बार-बार बिजली बंद हो रही है। बिजली की आंखमिचौली की वजह से उपभोक्ताओं को काफी परेशानी हो रही है। इस तरह की स्थिति सबसे अधिक दर्री जोन क्षेत्र में बनी रही। इसे लेकर उपभोक्ताओं में नाराजगी है।