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Elephant attack: हाथी के हमले से एक और जान गई, 48 घंटे में तीसरी मौत, इलाके में दहशत

Elephant attack: कोरबा जिले में जंगली हाथी के हमले से घर पर सो रहे एक ग्रामीण की मौत हो गई। 48 घंटे में यह तीसरी मौत है, जिससे इलाके में दहशत और आक्रोश फैल गया है।

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हाथी ने ग्रामीण को कुचला (photo source- Patrika)

हाथी ने ग्रामीण को कुचला (photo source- Patrika)

Elephant attack: कोरबा में हाथियों का आतंक जारी है। बाल्को फॉरेस्ट डिवीजन इलाके में एक हाथी ने घर में सो रहे एक ग्रामीण को कुचलकर मार डाला। पिछले 48 घंटों में यह तीसरी मौत है, जिससे ग्रामीणों में भारी गुस्सा है। यह ताज़ा घटना 19 दिसंबर को सुबह करीब 5 बजे गौरबोरा गांव में हुई। महेंद्र सिंह मांजवार (40 साल) अपने घर में सो रहे थे, तभी एक हाथी ने उन पर हमला कर दिया। महेंद्र सिंह की मौके पर ही मौत हो गई।

Elephant attack: पिछले 48 घंटों 3 की मौत

जिले में हाथियों का खतरा लगातार बढ़ रहा है। पिछले 48 घंटों में अजगरबहार इलाके और कटघोरा रेंज में हाथियों के हमले में तीन लोगों की मौत हो गई है। गांव वालों का आरोप है कि जिस हाथी ने पिछले दिन कटघोरा रेंज में दो महिलाओं को मारा था, वही हाथी अब बाल्को इलाके में एक्टिव है।

गांव वालों का कहना है कि उन्होंने पहले ही हाथी की हरकतों के बारे में बताया था, लेकिन वन विभाग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उनका आरोप है कि न तो रात की पेट्रोलिंग बढ़ाई गई और न ही चेतावनी सिस्टम को मज़बूत किया गया।

हाथियों के उत्पात से ग्रामीणों में आक्रोश

बढ़ती मौतों की संख्या से गांव वालों में डर और गुस्सा है। उनका कहना है कि इन घटनाओं के लिए वन विभाग की लापरवाही और तैयारी की कमी सीधे तौर पर ज़िम्मेदार है। इन घटनाओं के बाद, विभाग ने सावधानी बरतने की अपील की है और घोषणा की है कि संवेदनशील इलाकों में पेट्रोलिंग टीमें तैनात की जाएंगी, लेकिन गांव वालों का कहना है कि सिर्फ़ अपील करने से हालात नहीं सुधरेंगे।

Elephant attack: गांव वालों ने बताया कि हाथी काफी आक्रामक है और किसानों की फसलें भी बर्बाद कर रहा है। हाथी के आने के बाद से लोग डर के साए में जी रहे हैं और उन्हें पूरी रात जागना पड़ रहा है। इन लगातार हो रही घटनाओं ने जंगल मैनेजमेंट और इंसान-हाथी संघर्ष से जुड़े सुरक्षा उपायों में कमियों को उजागर किया है। गांव वाले अब भविष्य में और जानमाल के नुकसान को रोकने के लिए प्रशासन और वन विभाग से ठोस कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।