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कोल इंडिया : स्टैंडराइजेशन कमेटी की बैठक तीन जून को, जानें किन-किन मुद्दों पर होगी चर्चा

- यूनियन की तरफ से तिथि बढ़ाने की मांग की जा रही है

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कोरबा

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Shiv Singh

Jun 01, 2018

कोल इंडिया : स्टैंडराइजेशन कमेटी की बैठक तीन जून को, जानें किन-किन मुद्दों पर होगी चर्चा

कोल इंडिया : स्टैंडराइजेशन कमेटी की बैठक तीन जून को, जानें किन-किन मुद्दों पर होगी चर्चा

कोरबा . कोल इंडिया में 10वें वेतन समझौता को पूरी तरह अमलीजामा पहनाने की प्रक्रिया चालू हो रही है। लंबे अर्से बाद स्टैंडराइजेशन कमेटी की बैठक तीन जून को होने जा रही है। इसमें पोस्ट रिटायरमेंट मेडिकल स्कीम की तिथि में बदलाव और महिला कर्मचारियों के वीआरएस सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी।

बैठक कोलकता में आयोजित की गई है। इसमें स्टैंडराइजेशन कमेटी के अध्यक्ष व एनसीएल के सीएमडी पीके सिन्हा, सचिव आपी श्रीवास्तव, एसईसीएल के कार्मिक निदेशक आरएस झा सहित यूनियन के पदाधिकारी शामिल होंगे। बैठक के लिए कंपनी ने प्रबंधन की ओर से 12 और यूनियन से छह प्र्रतिनिधियों को बुलाया है।

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बैठक तीन जून को सुबह साढ़े नौ बजे से आयोजित की गई है। इसमें कई बिन्दुओं पर चर्चा होनी है। सेवा निवृत्त कर्मचारियों के पोस्ट रिटायरमेेंट मेडिकल स्कीम पर पहले चर्चा होगी। यूनियन की तरफ से तिथि बढ़ाने की मांग की जा रही है। ताकि छूटे हुए कर्मचारियों को स्कीम से जोड़ा जा सके। सुपर विजन से जुड़े अफसरों के ओवर टाइम पर बेसिक फिक्सेसन, कोल इंडिया में एक टेक्निकल सब कमेटी के गठन, हाउस रेंट अलाउंस और महिला वीआरएस पर चर्चा होगी। नया वेतन समझौता लागू होने के बाद सीनियर जूनियर की वेतन बढ़ोत्तरी में आई खामियों को दूर करने पर विचार विमर्श किया जाएगा।

श्रमिक संगठनों का कहना है कि १०वें वेतन समझौता में कई बिन्दुओं पर सहमति बनी थी। इसका आज तक कोल इंडिया में पालन नहीं हो रहा है। इसमें गंभीर बीमारियों से ग्र्रसित कर्मचारियों को ठीक होने तक ५० फीसदी राशि देने का प्रवधान किया गया है। लेकिन इसका पालन कोल इंडिया और इसकी अनुषांगिक कंपनियों में नहीं हो रहा है। इस पर चर्चा नहीं हुई है। प्रस्ताव ठंडे बस्ते में हैं। इस पर चर्चा के लिए यूनियन ने स्टैंडराइजेशन कमेटी की बैठक बुलाने की मांग रहे थे।

श्रमिक यूनियन के लिए यह बैठक इतनी महत्वपूर्ण है कि इसे बुलाने के लिए लगातार श्रमिक यूनियन के पदाधिकारी दबाव बना रहे थे और जब मीटिंग नहीं बुलायी गयी तो फिर यूनियन ने कोल इंडिया को पत्र भी लिखा था। इसके बाद कोल इंडिया प्रबंधन मीटिंग बुलाने के लिए मजबूर होना पड़ा। प्रबंधन ने मीटिंग के एजेंडे और इसमें भाग लेने वाले प्रतिनिधियों के बारे में भी यूनियन के संबंधित पदाधिकारियों को जानकारी दी है। यूनियन नेता अपने स्तर से इसमें लगे हुए हैं ताकि गंभी चर्चा कर सकें। स्टैंडराइजेशन कमेटी में यूनियन की ओर से बीके राय, वाइएन सिंह, नाथूलाल पांडे, एसके पांडे, रमेन्द्र कुमार और डीडी रामानंदन शामिल होंगे।

श्रमिकों की टिकी नजरें
इस कमेटी की मीटिंग को लेकर कोल इंडिया के सभी अनुषांगिक कंपनियों के श्रमिकों की नजरें टिकी हुई हैं। एसईसीएल में महिला वीआरएस और मेडिकल स्कीम से जुड़े फैसलों को लेकर श्रमिकों की खास दिलचस्पी है। इसकी वजह यह है कि एसईसीएल क्षेत्र में संचालित चिकित्सकीय संस्थानों की हालत श्रमिकों के हितों के अनुरूप नहीं है। अस्पतालों में विशेषज्ञों की कमी के कारण बेहतर इलाज नहीं मिल पा रहा है।

अस्पतालों में संसाधनों की भी बेहद कमी है। इस बात को श्रमिक नेता समय-समय पर वेलफेयर कमेटी के सामने रख चुके हैं। प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारी भी दौरे पर जब आते हैं और अस्पतालों का निरीक्षण करते हैं तब कई तरह की समस्याएं सामने आती हैं, फिर भी इन्हें दूर करने में प्रबंधन रूचि नहीं ले रहा है।